up board result 2019: बोर्ड की छवि पर दाग लगा रहे जीरो रिजल्ट वाले निजी स्कूल
जीरो रिजल्ट देने वाले स्कूलों की संख्या कम नहीं है। 2017 में 183 जबकि 2016 में 50 स्कूल ऐसे थे जिनका परिणाम शून्य था। 2015 में 11 स्कूल का एक भी बच्चा पास नहीं हो सका था। जिस जिले में यूपी बोर्ड का...
जीरो रिजल्ट देने वाले स्कूलों की संख्या कम नहीं है। 2017 में 183 जबकि 2016 में 50 स्कूल ऐसे थे जिनका परिणाम शून्य था। 2015 में 11 स्कूल का एक भी बच्चा पास नहीं हो सका था। जिस जिले में यूपी बोर्ड का मुख्यालय है उसके स्कूल ही रिजल्ट में पिछड़ गये। शिक्षा नगरी के रूप में मशहूर प्रयागराज के छात्र-छात्राओं की सफलता का ग्राफ निराशाजनक रहा। प्रदेश के 75 जिलों में 10वीं का परिणाम 62 तो इंटर का 61वें स्थान पर रहा। जिले के 10 स्कूलों का रिजल्ट शून्य रहा जो खुद बड़ा सवाल है। शून्य परिणाम देने वाले जिले के ये स्कूल प्राइवेट हैं। ये यूपी बोर्ड की छवि पर दाग लगा रहे हैं। .
हाईस्कूल में सात स्कूल ऐसे हैं जिनका एक भी छात्र पास नहीं हुआ। न्यू ब्राइट गर्ल्स इंटर कॉलेज करेली में 10वीं की दो छात्राएं पंजीकृत थीं जिनमें से एक परीक्षा में शामिल हुई और वह भी फेल हो गई। एचएलपी हायर सेकेंडरी स्कूल मवैया से पंजीकृत 10 परीक्षार्थियों में से दो ने 10वीं की परीक्षा दी और दोनों फेल हो गए।.
एसएस निकेतन हायर सेकेंडरी स्कूल नैनी के आठ में से एक छात्र ने हाईस्कूल परीक्षा दी और फेल हो गया। लिटिल हार्ट्स हायर सेकेंडरी स्कूल नैनी और जेडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल नासिरपुर अंदावा झूंसी से मात्र एक-एक छात्र ने 10वीं की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। दोनों ने परीक्षा भी दी लेकिन कोई पास नहीं हो सका। .
जीपीवाईएस हाईस्कूल से पंजीकृत 14 बच्चों में से छह ने परीक्षा दी लेकिन सभी फेल हो गए। आरजीएस कॉलेज हेतापट्टी झूंसी से 10 परीक्षार्थियों में से छह ने परीक्षा दी लेकिन सब फेल ुहए। यही हाल इंटर के तीन स्कूलों का रहा। इन स्कूलों का कोई छात्र पास नहीं कर सका। शारदा इंटर कॉलेज नौडिहा तरहार के आठ छात्र 12वीं की परीक्षा के लिए पंजीकृत थे। उनमें से पांच ने परीक्षा दी और सब फेल हो गए। बीएनडी मेमोरियल गर्ल्स इंटर कॉलेज उग्रसेनपुर से पंजीकृत तीन में से दो छात्र 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए लेकिन कोई सफल नहीं हो सका। बीआर सिंह बालिका इंटर कॉलेज नैनी के आठ में से दो छात्र इंटर की परीक्षा में शामिल हुए और दोनों फेल हो गए।.
मान्यता वापस लेने की करेंगे संस्तुति
जीरो परिणाम देने वाले स्कूलों की सूची बोर्ड से मांगी है। यदि इन स्कूलों में छात्र नहीं है तो उसका कारण पूछा जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मान्यता वापस लेने की संस्तुति करेंगे।.
-आरएन विश्वकर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक .
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