up board result 2018: यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर के रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका
up board result 2018: 29 अप्रैल को घोषित यूपी बोर्ड के परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। व्हाट्सएप, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा से जुड़े गोपनीय...
up board result 2018: 29 अप्रैल को घोषित यूपी बोर्ड के परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। व्हाट्सएप, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज वायरल होने के बाद बोर्ड में हड़कंप मचा हुआ है। कोई भी कुछ बोलने से बच रहा है।
व्हाट्सएप पर हिन्दुस्तान को मिले अवार्ड ब्लैंक (परीक्षार्थियों को जिस ओएमआर शीट पर अंक मिलते हैं) की फोटो और परीक्षार्थी के अंकपत्र का मिलान करने पर बड़ी अनियमितता समझ में आ रही है। हाईस्कूल की एक छात्रा को 70 नंबर की लिखित परीक्षा में परीक्षक ने महज दो नंबर अवार्ड ब्लैंक पर दिए हैं लेकिन इंटरनेट पर जो अंकपत्र अपलोड है उसमें उसी छात्रा को 23 नंबर मिले हैँ। यानि दो नंबर पाने वाली छात्रा को 21 नंबर अतिरिक्त दे दिया। जबकि बोर्ड से जुड़े लोग चोरी-छिपे पांच से आठ नंबर तक मॉडरेशन के नाम पर दिए जाने की बात स्वीकार कर रहे थे। लेकिन वायरल दस्तावेज से तो 21 नंबर तक बढ़ाने की आशंका का पता चल रहा है।
बोर्ड के नियमों के मुताबिक हाईस्कूल में अधिकतम चार विषयों में पांच-पांच नंबर (कुल 20 अंक तक) ग्रेस मार्क मिलता है। लेकिन जिस तरह से नंबर दिए जाने की आशंका है उसमें बोर्ड के सारे कायदे-कानून भी दरकिनार हो गये।
परीक्षा के दौरान जिस तरह से सख्ती हुई और मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों से जो रिपोर्ट मिल रही थी उसके मुताबिक परिणाम खराब जाने की आशंका जताई जा रही थी। सोशल मीडिया पर वायरल दस्तावेज यदि सही है तो इससे साफ है कि परिणाम में वाहवाही लूटने के लिए यूपी बोर्ड के अफसरों ने मनमाना नंबर दे दिया।
इसमें राजनीतिक हित भी देखा जा रहा है। यदि आरोप सही है तो एक बात तय है कि 2019 के लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा बड़ी संख्या में मतदाताओं को नाराज नहीं करना चाहती थी। हालांकि इस प्रकरण की सच्चाई का पता जांच के बाद ही पता चल सकेगा। यदि इसमें सच्चाई है तो कई की गर्दन फंसना तय है।
यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने कहा कि बोर्ड परीक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज वायरल होने की बात पता चली है। इस प्रकरण की जांच करा रहे हैं।नीना श्रीवास्तव,
बोर्ड परीक्षा के दस्तावेज वायरल करने वालों पर कड़ी कार्रवाई
यूपी बोर्ड की परीक्षा से जुड़े दस्तावेज वायरल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बोर्ड से जुडे़ सूत्रों की मानें तो शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। जिन लोगों ने अवार्ड ब्लैंक की फोटो स्मार्टफोन से खींचकर पब्लिक की है उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
2018 की बोर्ड परीक्षा पर एक नजर
- 6 फरवरी को शुरू हुई थी परीक्षा
- 12 मार्च 2018 को खत्म हुई परीक्षा
- 17 मार्च से शुरू हुआ कॉपियों का मूल्यांकन
- 29 अप्रैल को घोषित हुआ परीक्षा परिणाम
- 75.16 प्रतिशत परीक्षार्थी हाईस्कूल में पास
- 72.43 फीसदी छात्र-छात्राएं इंटर में सफल
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