UP Board के छात्रों को सहूलियत, 10वीं-12वीं में एनसीसी लेने वालों के लिए अब एक विषय कम
यूपी बोर्ड के 27 हजार से अधिक स्कूलों में एनसीसी लेने वाले बच्चों को अब एक विषय कम पढ़ना पड़ेगा। बोर्ड ने 2020-21 शैक्षणिक सत्र से एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू करने का प्रस्ताव शासन को...
यूपी बोर्ड के 27 हजार से अधिक स्कूलों में एनसीसी लेने वाले बच्चों को अब एक विषय कम पढ़ना पड़ेगा। बोर्ड ने 2020-21 शैक्षणिक सत्र से एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। शासन की मंजूरी के बाद इसे शुरू किया जाएगा। कोर्स को मंजूरी मिलने के बाद एनसीसी की लिखित परीक्षा यूपी बोर्ड और प्रैक्टिकल एनसीसी की बटालियन कराएगी। अब तक लिखित एवं प्रैक्टिकल दोनो परीक्षाएं बटालियन की ओर से ली जाती है।
अब तक जो बच्चे एनसीसी लेते हैं उन्हें इसे अतिरिक्त विषय के रूप में पढ़ना पड़ता है। हाईस्कूल में 6 और इंटर में 5 विषय के साथ बच्चों को एनसीसी भी पढ़ना पड़ता है। लेकिन एनसीसी वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल होने पर 10वीं के बच्चों को 6 की बजाय पांच और 12वीं के बच्चों को 5 की बजाय 4 विषय ही पढ़ने होंगे। ऐसा होने पर वह एनसीसी पर अधिक ध्यान दे सकेंगे। शासन के निर्देश पर ही बोर्ड ने एनसीसी का कोर्स तैयार किया है। इसके लिए यूपी बोर्ड ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी संपर्क किया था।
12 दिसंबर को सचिव नीना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई विषय विशेषज्ञों की बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन कॉलेजों में एनसीसी प्रशिक्षण चल रहा है उनके छात्रों के लिए एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में लागू किया जाए। चूंकि यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम है इसलिए कक्षा 9 व 11 से इसकी शुरुआत की जाएगी। वर्तमान में सैन्य विज्ञान कोर्स में एनसीसी एक चैप्टर के रूप में है।
विषय विशेषज्ञ समिति संयोजक कैप्टन विजयराज यादव का कहना है कि एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में लागू करने से छात्र-छात्राओं का रुझान इस ओर बढ़ेगा। बाद में इसे विस्तारित करते हुए अन्य स्कूलों में भी लागू किया जा सकता है। जिन स्कूलों में पहले से एनसीसी प्रशिक्षण चल रहा है वहां आकर अन्य बच्चे भी प्रशिक्षण ले सकते हैं।
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