यूपी बोर्ड परीक्षा : कॉपी बिना पूरी जांचे चढ़ा दिए नंबर
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में हद दर्जे की लापरवाही हुई है। शिक्षकों ने कॉपियों को पूरा जांचे बिना ही नंबर चढ़ा दिए। इसका सबसे अधिक नुकसान मेधावी छात्रों को हुआ क्योंकि जितने अंक...
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में हद दर्जे की लापरवाही हुई है। शिक्षकों ने कॉपियों को पूरा जांचे बिना ही नंबर चढ़ा दिए। इसका सबसे अधिक नुकसान मेधावी छात्रों को हुआ क्योंकि जितने अंक उन्हें मिलने चाहिए थे उतने नहीं मिले। ऐसा ही एक मामला कानपुर के छात्र ऋत्विक जोशी का सामने आया है। इंटर के इस छात्र की कॉपी में बड़े पैमाने पर लापरवाही हुई है।
सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत उसने कॉपी देखी तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ। श्रीमति शिवकली देवी इंटर कॉलेज मंगलपुर कानपुर देहात के छात्र ऋत्विक (रोल नंबर 1039807) ने सचिव नीना श्रीवास्तव को पत्र देकर पुनर्मूल्यांकन करने का अनुरोध किया है। ऋत्विक का कहना है कि उसे गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान विषय में कम अंक मिले थे।
भौतिक विज्ञान में तीन नंबर के एक प्रश्न को जांचा ही नहीं गया जबकि कई अन्य प्रश्नों में जितने अंक मिलने चाहिए थे उससे कम मिले हैं। ऋत्विक को 2019 की इंटरमीडिएट परीक्षा में 500 में से 438 (87.6 प्रतिशत) अंक मिले हैं। अमूमन इतने अंक मिलने के बाद शायद ही कोई छात्र अपनी कॉपी देखने की इच्छा जताए। लेकिन उसे भरोसा था कि कॉपी सही नहीं जंची है। इसलिए आरटीआई में कॉपी निकलवाई।
ऋत्विक के पिता अनिल कुमार का कहना है कि 2017 की हाईस्कूल परीक्षा में भी उसकी कॉपी सही से नहीं जांची गई थी। जब तक पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करते तब तक बोर्ड ने कॉपियां जला दी थी। हाईस्कूल गणित की स्क्रूटनी में एक अंक बढ़े थे। 10वीं का संशोधित रिजल्ट 6 अप्रैल 2018 को मिला था।
इनका कहना है
नीना श्रीवास्तव (सचिव यूपी बोर्ड) ने कहा- बोर्ड में पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है। ऋत्विक की कॉपी पर विशेषज्ञों की राय लेंगे और जरूरत पड़ी तो परीक्षा समिति में रखकर निस्तारण करेंगे। दोषी मिलने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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