यूपी बोर्ड परीक्षा : गलत मूल्यांकन करने पर शिक्षकों पर 50,000 का जुर्माना
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड परीक्षा में गलत मूल्यांकन किए जाने पर कोर्ट ने तीन शिक्षकों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान तीनों...
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड परीक्षा में गलत मूल्यांकन किए जाने पर कोर्ट ने तीन शिक्षकों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान तीनों शिक्षकों को तीन प्रश्नपत्रों में त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन करने का दोषी पाया गया है। कोर्ट ने तीनों शिक्षकों पर जुर्माना लगाने के साथ ही 10 वर्षों तक परीक्षाओं से दूर रखने का आदेश दिया है।
दो विषयों के तीन प्रश्न पत्रों में शिक्षकों ने छात्र को कम अंक दिए थे। छात्र ने पुनर्मूल्यांकन की मांग करते हुए कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट ने कॉपियों के पुर्नमूल्यांकन का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर तीनों प्रश्न पत्रों का पुनर्मूल्यांकन किया गया जिसमें यह साबित हो गया कि शिक्षकों ने छात्र को कम अंक दिए थे। वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा में देवरिया जिले के श्री राय इंटर कॉलेज तेलिया कला के सार्थक यादव को बोर्ड परीक्षा में दो विषयों के तीन प्रश्न पत्रों में कम अंक मिले थे। कोर्ट के आदेश के बाद भौतिकी प्रथम और द्वितीय प्रश्न पत्र व गणित की कॉपी का मूल्यांकन किया गया।
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पुनर्मूल्यांकन से पहले सार्थक को गणित में 36, भौतिकी प्रथम में 2 व द्वितीय प्रश्न पत्र में 7 अंक मिले थे। पुनर्मूल्यांकन के बाद उसे गणित में 46, भौतिकी प्रथम प्रश्न पत्र में 31 व द्वितीय प्रश्न पत्र में भी 31 अंक मिले। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किए जाने व मूल्यांकन में शिथिलता बरते जाने पर कोर्ट ने तीनों शिक्षकों पर 50 हजार रुपया जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही तीनों पर परीक्षा के किसी भी गतिविधि में 10 वर्षों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। शिक्षकों को विभाग द्वारा प्रतिकूल प्रविष्टि भी दिया जाएगा।
जांच के बाद पहचान में आए तीनों शिक्षक
उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा 2018 में गलत मूल्यांकन करने वाले तीनों शिक्षकों की पहचान हो गई है। इसमें कानपुर के माया देवी इण्टर कॉलेज के गणित प्रवक्ता अमित कुमार गुप्ता, प्रयागराज जिले के मंदाकिन गर्ल्स इण्टर कॉलेज डाड़ी कौड़ियार के भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता विन्द्रेश कुमार व जालौन जिले के एआरकेडी इण्टर कॉलेज के भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता दीपक सिंह शामिल हैं। इन तीनों शिक्षकों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना व दस वर्षो के लिए परीक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
उत्तर-पुस्तिकाओं पर नहीं है मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के हस्ताक्षर
उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए अलग-अलग शिक्षकों को कॉपियों का बंडल उपलब्ध कराया जाता है। मूल्यांकन के बाद उत्तरपुस्तिका के मुख्य पृष्ठ के टैबुलेशन चार्ट के नीचे शिक्षकों को हस्ताक्षर करना होता है। सार्थक की उत्तर पुस्तिका पर जांच करने वाले तीनों शिक्षकों ने उत्तरपुस्तिकाओं पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए थे। बिना हस्ताक्षर किए कॉपियां जमा भी कर ली गईं। परीक्षा विभाग की लापरवाही भी यहां भी सामने आ रही है।
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