UP board exam 2020: कॉपी जांचने में की गलती तो तीन साल के लिए होंगे डिबार
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के लिए 16 मार्च से शुरू हो रहे मूल्यांकन में चूक शिक्षकों पर भारी पड़ सकती है। यूपी बोर्ड मूल्यांकन के लिए निर्देश तैयार कर रहा है। मूल्यांकन की...
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के लिए 16 मार्च से शुरू हो रहे मूल्यांकन में चूक शिक्षकों पर भारी पड़ सकती है। यूपी बोर्ड मूल्यांकन के लिए निर्देश तैयार कर रहा है। मूल्यांकन की जांच के दौरान दो प्रतिशत तक गलती पाए जाने पर संबंधित परीक्षक के पारिश्रमिक से 85 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी तथा उसे तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
हाईस्कूल में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की उत्तरपुस्तिकाओं का पैनल मूल्यांकन होगा। सामाजिक विज्ञान के प्रथम खंड को इतिहास व राजनीतिशास्त्र के साथ स्नातक प्रशिक्षित तथा द्वितीय खंड अर्थशास्त्र व भूगोल के साथ स्नातक प्रशिक्षित योग्यताधारी परीक्षक मूल्यांकन करेंगे।
विज्ञान विषय की कॉपी के प्रथम व द्वितीय खंड को भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान के साथ बीएससी प्रशिक्षित स्नातक जबकि तृतीय खंड को जीव विज्ञान के साथ बीएससी प्रशिक्षित स्नातक जांचेंगे। 275 केंद्रों पर 1.47 लाख परीक्षक 10 दिन में कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे।
स्टेप मार्किंग में अधूरे जवाब पर भी मिलेंगे अंक: प्रयागराज। 10वीं-12वीं की परीक्षा में सम्मिलित 55 लाख से अधिक परीक्षार्थियों की कॉपियों पर सही उत्तर कटा मिला तो भी उन्हें पूरे नंबर मिलेंगे। बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार-‘कभी-कभी यह देखा जाता है कि परीक्षार्थी के हल को जानबूझकर परीक्षा केन्द्र पर किसी के द्वारा काट दिया जाता है। *ऐसी स्थिति में यह ध्यान रखा जाए कि यदि काटे गए हल शुद्ध और निर्धारित सीमा के अंदर हो तो उसका भी मूल्यांकन किया जाए'। परीक्षकों को ये भी हिदायत दी गयी है कि स्टेप मार्किंग की व्यवस्था होने के चलते यदि किसी परीक्षार्थी ने किसी प्रश्न का आधा उत्तर लिखा है और वो सही है तो उसे उतने अंक दिए जाएं।
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