UP Board Exam 2020: यूपी बोर्ड परीक्षा में संस्कृत में मिलते हैं गणित की तरह पूरे नंबर, हिन्दी में भी लाभ, यूं करें तैयारी
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट संस्कृत विषय की परीक्षा 4 मार्च 2020 को होगी। मानविकी वर्ग में संस्कृत विषय अधिक अंक अर्जित करने की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय की श्रेणी में रखा जा सकता है। इस विषय की...
यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट संस्कृत विषय की परीक्षा 4 मार्च 2020 को होगी। मानविकी वर्ग में संस्कृत विषय अधिक अंक अर्जित करने की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय की श्रेणी में रखा जा सकता है। इस विषय की अच्छी तैयारी करने से हिन्दी में भी लाभ मिलता है क्योंकि हिन्दी में संस्कृत से संबंधित एक तिहाई प्रश्न पूछे जाते हैं। चन्द्रापीडकथा से 20 नंबर के प्रश्न होंगे। इसके गद्यांश पर आधारित प्रश्नोत्तर के लिए 10 नंबर, कथात्मक पात्रों का चरित्रचित्रण (हिन्दी में अधिकतम 100 शब्द) के लिए 4 और रचनाकार के जीवन परिचय व गद्यशैली (हिन्दी या संस्कृत में अधिक 100 शब्द) के लिए चार अंक निर्धारित है। दो नंबर के वैकल्पिक प्रश्न होंगे।
इसी प्रकार रघुवंशमहाकाव्यम के किसी श्लोक की संदर्भ सहित हिन्दी व संस्कृत में व्याख्या के लिए सात-सात अंक, कवि परिचय व काव्यशैली के लिए चार और काव्यगत तथ्यों एवं भावों पर आधारित वैकल्पिक प्रश्न के लिए दो नंबर तय हैं। नाटक अभिज्ञानशाकुंतलम के किसी गद्यांश या पद्य की संदर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या के लिए सात-सात अंक, नाटककार का जीवन परिचय व नाट्यशैली के लिए चार और वैकल्पिक प्रश्न के लिए दो नंबर तय हैं।
इस विषय के अधिक से अधिक मॉडल पेपर का अभ्यास करने पर परीक्षा में अच्छे अंक मिलेंगे। विभिन्न विषयों पर संस्कृत में निबंध (10 पंक्तियां) लिखने पर 10 नंबर मिलेंगे। निबंध के लिए संस्कृत साहित्य, जनसंख्या, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं यातायात के नियम महत्वपूर्ण विषय है। 2019 की परीक्षा में संस्कृत विषय के लिए 206698 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें से 187692 परीक्षा में शामिल हुए और उनमें से 101200 (53.92 प्रतिशत)* पास थे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डॉ. योगेन्द्र सिंह (प्रधानाचार्य केपी इंटर कॉलेज) ने कहा- थोड़ी सजगता और सतर्कता से कुछ महत्वपूर्ण अंशों का अध्ययन कर लेने से संस्कृत सर्वाधिक अंक दिलाने वाला महत्वपूर्ण विषय है। व्याकरण भाग में कारक, समास, संधि, रूप, धातु, प्रत्यय एवं वाच्य परिवर्तन का थोड़ा अभ्यास कर लेने पर उसमें भी पूरे अंक मिल जाते हैं। विभक्तियों की सही जानकारी होने पर ही विभक्ति संबंधी प्रश्न हल करना चाहिए।
जरूरी टिप्स
1. प्रश्नपत्र में दी गई सूक्ति को एकाग्रता से पढ़कर हिन्दी में व्याख्या लिखें।
2. कम अंक वाले प्रश्नों पर अधिक समय व्यय न करें। समय प्रबंधन का पूरा ध्यान रखें।
3. कथात्मक पात्रों का चरित्र चित्रण लिखने के लिए पाठ्यपुस्तक से हिन्दी में पात्रों का जीवनवृत्त पढ़कर जाएं तथा उसे अवश्य लिखें।
4. तीन नंबर के अलंकार पूछे जाते हैं जिसमें छात्र उपमा तथा रूपक अलंकार मात्र तैयार कर पूरे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
5. श्लोकों की संदर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या, सूक्ति व्याख्या तथा संस्कृत में अर्थ एवं भाव लिखना न भूलें। 6. अभिज्ञान शाकुन्तलम से गद्य या पद्य और सूक्तिपरक वाक्यों की व्याख्या तथा नाटककार का जीवन परिचय एवं नाट्यशैली और इससे संबंधित वैकल्पिक प्रश्न रहेंगे।
7. संधि, समास, प्रत्यय, कारक शब्द एवं धातु रूप तथा वाच्य परिवर्तन प्रश्नों को सही हल करने पर पूरे-पूरे अंक प्राप्त हो सकते हैं।
8. लेख सुंदर होने के साथ-साथ विसर्ग, हलन्त, अनुस्वार आदि का प्रयोग उचित रूप से करें। कुछ सूक्तियों को समाहित करते हुए निबंध लिखने पर पूरे अंक मिल जाते हैं।
9. पेपर हल करते समय प्रश्नों के लिए उचित अनुपात में समय निर्धारित कर लेना चाहिए।
10. एक ही प्रश्न का उत्तर कई बार न लिखें। लिखावट में स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ध्यान दें।
11. बहुविकल्पीय प्रश्नों को कभी न छोड़ें। व्याकरण में सूत्रों को रेखांकित करें।
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