Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Board 10th Result 2023: Hut is home mother sweeps every house father paralyzed got 85 percent marks

झोपड़ी है ठिकाना, मां घर-घर लगाती है झाड़ू-पोछा, पिता लकवाग्रस्त, यूपी बोर्ड में आए 85 फीसदी मार्क्स

UP Board 10th Result 2023: फुटपाथ पर झोपड़ी में रहने वाले रजत नाम के छात्र ने भी 10वीं में बड़ी सफलता पाई, जिसके पिता लकवा के शिकार हैं और मां घरों में झाड़ू-पोछा कर परिवार पाल रही हैं।

Pankaj Vijay वरिष्ठ संवाददाता मोहम्मद आसिम सिद्दीकी, कानपुरThu, 27 April 2023 08:53 AM
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UP Board 10th Result 2023: गरीब मां-बाप की बेटियां अंकों से अमीर हो गईं तो बेटे भी पीछे नहीं रहे। रिक्शा चालक की बेटी हाईस्कूल में प्रथम श्रेणी में पास हुई तो पिता की आंखों से आंसू छलक आए। फुटपाथ पर झोपड़ी में रहने वाले एक ऐसे बेटे ने भी 10वीं में बड़ी सफलता पाई, जिसके पिता लकवा के शिकार हैं और मां घरों में झाड़ू-पोछा कर परिवार पाल रही हैं। एक के पिता सीजन आने पर मूंगफली का ठेला लगाते हैं। ऐसे एक नहीं, कई होनहार हैं जिन्होंने परिवार का गौरव बढ़ाया है। राजकुमारी के पिता रिक्शा चालक हैं। वह आज भी पुराना रिक्शा ही चलाते हैं। राजकुमारी 10वीं में 70 फीसदी अंकों के साथ पास हुई। अब पिता को इंतजार है कि किसी तरह उनकी बेटी दो और क्लास पास कर ले। वहीं, रजत ने 85 फीसदी अंक के साथ 10वीं की परीक्षा पास की है। भाई अभिषेक 71.5 फीसदी अंकों के साथ पास हुआ है। रजत का परिवार एक झोपड़ी में रहता है। पिता लकवा ग्रस्त हैं। मां दूसरों के घरों में काम करके घर का खर्च चलाती हैं।

बड़ी के बाद छोटी ने भी किया कमाल
अंजली और रोशनी बहने हैं। अंजली ने वर्ष 2022 में 10वीं की परीक्षा 82 फीसदी अंकों के साथ पास की थी। इस वर्ष रोशनी ने 82.5 प्रतिशत अंक लाकर यह कमाल कर दिखाया। सड़क के किनारे एक झोपड़ी में तीन बहनें, एक भाई और इनकी मां रहती हैं। मां और परिवार के सदस्य कपड़ों पर प्रेस करते हैं। इसी से घर चलता है। किसी ने पढ़ाई के लिए रोशनी दिखाई तो यह परिवार अब तक इस शमां को थामे हुए है। दिव्या अवस्थी ने 10वीं की परीक्षा 86.67 फीसदी के साथ पास की है। पिता शटरिंग लगाते हैं। कोरोना काल में यह परिवार काफी दयनीय स्थिति में चला गया था। ज्योति पाल 70.5 फीसदी अंकों के साथ पास हुई हैं। उनके पिता मजदूर हैं।

बेटे भी बेटियों से पीछे नहीं
अरमान के पिता परिवार से अलग हो गए हैं। मां घरों में काम कर परिवार चलाती हैं। अरमान ने 10वीं में 67.33 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। अविनाश के पिता प्लंबर हैं। उन्होंने 10वीं में 90.5 फीसदी अंकों के साथ सफलता पाई है। राजवीर सिंह ने 10वीं में 80.2 फीसदी अंक हासिल किए हैं। पिता साधारण पेंटर हैं। हरिओम के 73 फीसदी अंक आए हैं। उनके पिता मजदूर हैं। रोशन साहू ने 10वीं में 66.66 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। उनके पिता मूंगफली का ठेला लगाते हैं।  

परीक्षा से पहले दादी भी साथ छोड़ गईं
इकरा बानो को उनके मां-बाप ने छोड़ दिया। वह अपनी दादी के साथ संजय नगर में रहती थीं। 10वीं की परीक्षा से दो माह पहले 75 वर्षीय दादी भी साथ छोड़ गईं। अब वह एक झोपड़ी में रहती हैं। खुद कपड़ों की सिलाई कर अपना पेट पालती हैं। आसपास के लोग उसका ख्याल रखते हैं। विवेकानंद समिति उसे वर्षों से पढ़ा रही है। इकरा 10वीं में 65 फीसदी अंकों के साथ पास हुई हैं। समिति ने उसे सफलता पर ईदी में वस्त्र भेंट किए। उनकी पढ़ाई का खर्च अपने पैरों पर खड़े होने तक समिति उठाती रहेगी। 

विवेकानंद समिति के संयोजक विजय कुमार दीक्षित ने कहा, 'हमारी समिति फीस देकर बच्चों को गोविंद नगर स्थित स्कॉलर प्लेवेज स्कूल में पढ़ा रही है। इस साल 10वीं में 12 और 12वीं में दो बच्चे पास हुए हैं। ये बच्चे बेहद गरीब हैं। विवेकानंद समिति हर तरह से मदद कर इन्हें पढ़ा रही है। ये परिवार के सदस्य के रूप में हैं। हम इकरा का खास ख्याल रखते हैं।' 

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