Hindi Newsकरियर न्यूज़UP: Basic Education Council now engaged in raising full details of shikshak bharti in uttar pradesh

UP: बेसिक शिक्षा परिषद अब भर्तियों का पूरा ब्योरा जुटाने में लगी

 उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बीते 10 वर्षों में लगभग डेढ़ लाख शिक्षक भर्तियां हुईं लेकिन अभी तक खुद विभाग को ही नहीं पता कि इनमें से कितने पद भरे और कितने अब तक रिक्त हैं। अब...

विशेष संवाददाता लखनऊMon, 12 Nov 2018 03:49 PM
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 उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बीते 10 वर्षों में लगभग डेढ़ लाख शिक्षक भर्तियां हुईं लेकिन अभी तक खुद विभाग को ही नहीं पता कि इनमें से कितने पद भरे और कितने अब तक रिक्त हैं। अब बेसिक शिक्षा परिषद इन सारी भर्तियों का ब्यौरा जुटा रहा है। परिषद की सचिव रूबी सिंह 15 नवम्बर से मंडलवार बैठक कर इन आंकड़ों की समीक्षा करेंगी।

बेसिक शिक्षा परिषद में नियुक्तियों का सिलसिला 2011 से 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती से शुरू हुआ था। ये भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अधीन हुई थी और इसमें 66 हजार पद भरे गये थे। इनमें 7 हजार पद अब भी रिक्त हैं। लेकिन इसके बाद हुई भर्तियों का पूरा ब्यौरा परिषद के पास नहीं है। इनमें से एक भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है वहीं 2-3 भर्तियों का मामला हाईकोर्ट में है। लिहाजा परिषद चाह रहा है कि सभी आंकड़े एक जगह हों ताकि न्यायालय में मागे जाने पर तुरंत दिये जा सके। आंकड़े एक जगह होने से न सिर्फ न्यायालय में सरकार के पक्ष को रखना आसान होगा बल्कि ये भी पता रहेगा कि शिक्षकों के कितने पद रिक्त हैं और कितने शिक्षक कार्यरत हैं। इसके लिए परिषद मंडलवार बैठक की शुरुआत 15 नवम्बर से करने जा रहा है। 

परिषद ने सभी जिलों को पत्र भेज कर एक निश्चित प्रारूप पर सूचना मांगी हैं। इसमें कार्यरत शिक्षकों की श्रेणीवार संख्या मांगी गई है। वहीं रिक्त पदों की संख्या भी श्रेणीवार देनी है। इनमें 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक भर्ती और 68,500 सहायक शिक्षक भर्ती शामिल हैं। वहीं 29334 जूनियर शिक्षक भर्ती विज्ञान व गणित वर्ग के आंकड़े अलग-अलग देने होंगे। 

बेसिक शिक्षा परिषद इन भर्तियों के आंकड़े एक जगह करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर विचार कर रहा है। दरअसल कोई भी भर्ती हो, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी आंकड़ों को बेसिक शिक्षा परिषद भेजने में लापरवाही बरतते हैं वहीं इन्हें छुपाया भी जाता है। परिषद अब इन आंकड़ों की ऑनलाइन फीडिंग करने पर विचार कर रहा है।

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