यूपी : 19 आईटीआई तो खोल दिए, पर पढ़ाने वाले नहीं
उत्तर प्रदेश में नए खुले 19 राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में इस साल प्रवेश लेने वाले 14 हजार प्रशिक्षु पढ़ाने वाले अनुदेशकों की बाट जोह रहे हैं। 200 करोड़ रुपये की लागत से ये नए...
उत्तर प्रदेश में नए खुले 19 राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में इस साल प्रवेश लेने वाले 14 हजार प्रशिक्षु पढ़ाने वाले अनुदेशकों की बाट जोह रहे हैं। 200 करोड़ रुपये की लागत से ये नए आईटीआई खुल तो गए, लेकिन शासन के नए पद सृजित न किए जाने की मौजूदा नीति का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में आईटीआई में निम्नस्तरीय पढ़ाई होने के कारण यहां से प्रशिक्षित होकर निकले युवाओं को सार्वजनिक व निजी संस्थानों में नौकरी मिलने की डगर कठिन होने का खतरा सता रहा है।
एनसीवीटी न होने से प्रशिक्षुओं को नौकरी मिलना मुश्किल
इन आईटीआई को चलाने के लिए व्यवसायिक शिक्षा विभाग आस पड़ोस के आईटीआई के एक-एक अनुदेशक भेजकर किसी तरह काम चला रहा है। विभाग पहले ही एक आईटीआई में अनुदेशकों समेत 50 के स्टाफ की मांग शासन से कर चुका है। नए पद सृजित की रोक के कारण ये सभी प्रस्ताव दरकिनार कर दिए गए हैं। पढ़ाने वाले अनुदेशक न होने के कारण नेशनल कौंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) ने भी इन 19 आईटीआई को अपनी मान्यता नहीं दी है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता पर भी खासा असर पड़ा है।
एनसीवीटी से मान्यता न मिलने के कारण फिलहाल इन आईटीआई को स्टेट कौंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) के तहत संचालित किया जा रहा है। एससीवीटी के तहत युवाओं का प्रशिक्षण गुणवत्तायुक्त नहीं समझा जाता है। ऐसे में सरकारी व निजी संस्थानों में प्रशिक्षुओं को नौकरी नहीं मिल पाती है। इन नए खुले आईटीआई की यह हालत तब है जब प्रदेश भाजपा सरकार ने पांच साल में 70 लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे को पूरा करने के लिए आईटीआई के प्रशिक्षुओं को बड़ा हथियार बना रखा है।
सीएम की घोषणा पर बन रहे हैं 37 आईटीआई
एक आईटीआई बनने में 10 करोड़ रुपए सरकार के खर्च होते हैं। विधायकों की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ 37 नए आईटीआई खोलने की घोषणा की है। ये आईटीआई भी अगले साल तक शुरू हो जाएंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप खुलने वाले इन आईटीआई के लिए भी नए पदों के सृजन पर रोक की नीति एक बहुत बड़ा रोड़ा बन कर सामने आएगी।
एक आईटीआई में 30 अनुदेशक की जरूरत
एक नए आईटीआई के 50 के स्टाफ में 30 अनुदेशक, एक प्रधानाचार्य, तीन कार्यदेशक, सात प्रशासकीय कर्मचारी व नौ चतुर्थ श्रेणी व सफाई कर्मचारी की जरूरत होती है।
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