University Exam: बीच रास्ते में बदल रहीं आंबेडकर विश्वविद्यालय की कापियां! सवालों के घेरे में व्यवस्था
आंबेडकर विश्वविद्यालय की कापियां बीच रास्ते में बदल रही हैं। इस सूचना पर पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को कापियां ले जाने वाले टेंपो चालक को धर दबोचा। विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ
आंबेडकर विश्वविद्यालय की कापियां बीच रास्ते में बदल रही हैं। इस सूचना पर पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को कापियां ले जाने वाले टेंपो चालक को धर दबोचा। विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। टेंपो चालक के पास कई मार्कशीट, डिग्रियों की फोटोकापी बरामद की गई हैं।
इस समय विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। विश्वविद्यालय से परीक्षा केंद्र और यहां से दोबारा विश्वविद्यालय की एजेंसी तक कापियां लाने और ले जाने के लिए गाड़ियां लगाई गई हैं। इनमें टेंपो भी शामिल हैं। सेंट जोंस कालेज से टेंपो चालक कापियां लेकर एजेंसी ले जा रहा था। इसी दौरान विश्वविद्यालय को रास्ते में कापियां बदलने की खबर लगी। विश्वविद्यालय ने पुलिस को सूचना दी। इस पर एसपी सिटी विकास कुमार, एएसपी हरीपर्वत सत्यनारायण ने पुलिस बल के साथ टेंपो चालक को पकड़ लिया। दोपहर में पुलिस के अधिकारी ड्राइवर को लेकर विश्वविद्यालय पहुंच गए। विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। फिलहाल मामले की पुष्टि नहीं हो पाई है। ड्राइवर पुलिस की हिरासत में है।
बाहरी क्यों कर रहे गोपनीय काम
पुलिस की टीम मामले की तह तक जाने में लगी है। हालांकि एक सवाल पुलिस को परेशान कर रहा है। वो यह कि विश्वविद्यालय अति गोपनीय काम बाहरियों से क्यों करा रहा है। जबकि इसमें विश्वविद्यालय के स्थाई कर्मचारियों को ही लगाना चाहिए। कापियां लाने और ले जाने के लिए भी गाड़ियों के साथ स्थाई कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड भेजने की व्यवस्था रही है।
कुलपति को मिली थी गुप्त जानकारी
सेंट जोंस में बीएएमएस की परीक्षाएं चल रही है। इसलिए नकल माफिया की निगाह इस परीक्षा पर है। इसकी तगड़ी बुकिंग हुई है। सूत्रों की मानें तो कुलपति को रास्ते में कापियां बदलने की गोपनीय जानकारी मिली थी। चूंकि मामला आपराधिक था, इसलिए कुलपति ने पुलिस को खबर की थी। पुलिस ने अपने हिसाब से टेंपो चालक को पकड़ लिया।
बैग से मार्कशीट और डिग्रियां बरामद
पुलिस की जांच में टेंपो चालक के बैग से तमाम मार्कशीट और डिग्रियों की फोटोकापी मिली हैं। ड्राइवर के मोबाइल में भी कई मार्कशीट की प्रतियां पाई गई हैं। इनमें कुछ संदिग्ध प्रतीत होती हैं। यानि टेंपो चालक कुछ-न-कुछ गड़बड़ी करता जरूर है। हालांकि शनिवार को लाई गईं कापियां नहीं बदल पाई हैं। कैच नंबरों के मिलान के बाद कापियां ठीक पाई गईं।
आंबेडकर विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो. प्रदीप श्रीधर ने कहा, 'विश्वविद्यालय को कापियां बदलने संबंधी सूचना मिली थी। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है। विश्वविद्यालय भी जांच में जुटा है।'
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