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UP University Exam 2021 : यूपी के विश्वविद्यालयों और कालेजों में बिना परीक्षा पास होंगे फर्स्ट ईयर के छात्र, फाइनल ईयर वालों को देना होगा एग्जाम, पढ़ें पूरी गाइडलाइंस

योगी सरकार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कालेजों के 41 लाख विद्यार्थियों की परीक्षाओं और उन्हें बिना परीक्षा पास करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा...

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान टीम, लखनऊTue, 8 June 2021 06:56 PM
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योगी सरकार ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कालेजों के 41 लाख विद्यार्थियों की परीक्षाओं और उन्हें बिना परीक्षा पास करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए। डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा के प्रमोट किया जाएगा। जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के परीक्षार्थियों की परीक्षा अगस्त के मध्य तक कराई जाएगी।

गाइडलाइंस के मुताबिक, ऐसे विश्वविद्यालय जहां स्नातक कोर्सेज के प्रथम वर्ष की परीक्षाएं संपन्न नहीं हुई हैं, उनके छात्रों को द्वितीय वर्ष में प्रमोट कर दिया जाएगा तथा वर्ष 2022 में होने वाली उनकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर अंतर्वेशन से उनके प्रथम वर्ष का परिणाम व अंक तय किए जा सकते हैं। 

स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए कहा गया है कि ऐसे विश्वविद्यालय जहां वर्ष 2020 में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं हुई थीं, वहां प्रथम वर्ष के अंकों के आधार पर द्वितीय वर्ष के परिणाम या अंक तय किए जा सकते हैं और छात्रों को तृतीय वर्ष में प्रमोट किया जाएगा।

जिन विश्वविद्यालयों में 2020 में स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं होने के कारण परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा के द्वितीय वर्ष में प्रमोट किया गया था वहां अब स्नातक द्वितीय वर्ष के परीक्षार्थियों की परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा परिणाम के आधार पर उन्हें तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा। 

आपको बता दें कि ये निर्देश आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स, लॉ और एग्रीकल्चर विषयों के स्नातक/परास्नातक (यूजी, पीजी) कोर्सेस के लिए जारी किए गए हैं। इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग अलग से निर्देश जारी करेगा।

डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जहां परीक्षाएं नहीं हुईं हैं और पिछली परीक्षाओं का भी रिकॉर्ड नहीं है, वहां परीक्षाएं कराने का फैसला लिया गया है। प्रोयोगिक परीक्षाएं नहीं होंगी। लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर प्रोयोगिक के अंक मिलेंगे। वायवा ऑनलाइन होगा। कुलपतियों को यह तय करने का अधिकार दिया गया है कि प्रश्नों पत्रों का स्वरूप कैसा होगा। 

दिनेश शर्मा ने बताया कि लिखित परीक्षा इस बार तीन घंटे के स्थान पर सिर्फ एक घंटे की ही होगी। इसके बाद परिणाम भी सितंबर के पहले हफ्ते तक घोषित होंगे। 

जो छात्र ऊपर दिए गए तरीके से निकले परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, वह 2022 में आयोजित होने वाले बैक पेपर परीक्षा या 2022-23 में होने वाली वार्षिक/ सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। वह इन परीक्षाओं में शामिल होकर अपने मार्क्स सुधार सकते हैं। 

शैक्षणिक सत्र 2021-2022 की शुरुआत 13 सितंबर से होगी। 

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