Hindi Newsकरियर न्यूज़Uniraj: Political activity intensified in the corridors of education due to student union elections

Uniraj : छात्र संघ चुनाव के चलते शिक्षा के गलियारों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज

प्रमुख छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ (आरयूएसयू) चुनाव के लिए उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इससे शिक्षा के

Alakha Ram Singh भाषा, जयपुरFri, 19 Aug 2022 03:56 PM
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प्रमुख छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ (आरयूएसयू) चुनाव के लिए उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इससे शिक्षा के गलियारों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। उल्‍लेखनीय है कि राजस्थान के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में दो साल बाद छात्र संघ चुनाव हो रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के चलते बीते दो शैक्षणिक सत्र में ये चुनाव नहीं हुए थे। राजस्थान विश्वविद्यालय सहित राज्य के कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव 26 अगस्त को होंगे। 

जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनावों में मतदान सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है। मतगणना 27 अगस्त को की जाएगी। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अध्‍यक्ष पद के लिए एनएसयूआई ने ऋतु बराला को अपना उम्मीदवार बनाया है तो एबीवीपी ने नरेंद्र यादव को मैदान में उतारा है। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) सरीना कालिया ने कहा, “शनिवार को मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जिससे साफ हो जाएगा कि आरयूएसयू में कितने छात्र मतदान के लिए पात्र होंगे। चुनाव दो साल के अंतराल के बाद होगा। उम्मीदवारों को उम्र सीमा में छूट नहीं दी जाएगी।” दो प्रमुख छात्र संगठनों के उम्‍मीदवार तय होने से जयपुर में राजस्‍थान विश्‍वविद्यालय और इससे जुड़े महाविद्यालयों में राजनीत‍िक गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं। 

यह अलग बात है कि एनएसयूआई द्वारा बराला को उम्‍मीदवार बनाया जाना इस दौड़ में शाम‍िल कई अन्‍य छात्र नेताओं को नहीं भाया है। ऐसी ही एक छात्र नेता कांग्रेस व‍िधायक मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल हैं। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अध्‍यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा की है। निहारिका ने कहा, “जाति के आधार पर टिकट दिया गया है, लेकिन योग्‍यता किसी की गुलाम नहीं है। मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।” एक अन्य छात्र नेता महेश चौधरी ने आरोप लगाया कि संगठन ने जमीनी कार्यकर्ताओं को धोखा दिया है और इसका परिणाम एनएसयूआई को भुगतना होगा। वहीं, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि इस बार छात्रों की मांग के आधार पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा, “मैं न केवल आशान्वित हूं, बल्कि मुझे पूरा विश्वास है कि आम छात्र ऋतु बराला को भारी मतों से जीत दिलाएंगे।” विश्‍वविद्यालय परिसर में चुनाव आचार संहिता लागू है। पोस्टर, बैनर, होर्डिंग के साथ-साथ बड़ी रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है। लिंगदोह समिति की सिफारिशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डीएसडब्ल्यू की ओर से एक विशेष टीम का गठन किया गया है। 

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