UGC : ऑनलाइन, डिस्टेंस और ओपन डिग्री को मिलेगी रेगुलर जितनी तवज्जो, जानें नौकरी में कैसे होगा फायदा
हाल ही में यूजीसी ने घोषणा की है कि अब से मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों के डिस्टेंस, ओपन, ऑनलाइन जैसे माध्यमों द्वारा प्राप्त UG PG की डिग्री को परंपरागत डिग्री के समकक्ष माना जाए।
हाल ही में यूजीसी ने मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की ऑनलाइन, डिस्टेंस और ओपन जैसे दूरस्थ माध्यम की डिग्री को परंपरागत डिग्री के समकक्ष मान्यता दे दी है। उच्च शिक्षा का सपना देख रहे हरेक छात्र के लिए यह फायदेमंद साबित होगा। एक डिग्री को सीवी में जोड़ने के लिए कई छात्र ऑनलाइन या डिस्टेंस मोड (ओडीएल) से पढ़ाई करते रहे हैं। लेकिन, नियमित कॉलेज के मुकाबले कहीं न कहीं इसे कम योग्य ही माना है। पर, हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने घोषणा की है कि अब से मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों के डिस्टेंस, ओपन, ऑनलाइन जैसे रिमोट माध्यमों द्वारा प्राप्त ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री को परंपरागत ढंग से प्राप्त डिग्री के समकक्ष माना जाए। हालांकि इसमें इंजीनियरिंग, फूड टेक्नोलॉजी, मेडिकल, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, होटल मैनेजमेंट, विमान रख-रखाव, लॉ, बागवानी, फार्मेसी और खेल इत्यादि सहित सत्रह पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जिन्हें इस मोड से दूर रखा गया है। नई गाइडलाइन में कई और बातें भी हैं, जो आवेदकों को अच्छे से जान लेनी चाहिए।
युवा अब उन कोर्सेज को अपना सकते हैं, जिन्हें लेकर उन्हें हिचक रहती थी कि केवल परंपरागत माध्यम से किए जाने पर उनकी महत्ता अधिक मानी जाती है। पर, इसका फायदा मुख्य रूप से उनको मिल सकता है, जो उच्च शिक्षा के लिए या जॉब में रहते हुए कोई ऑनलाइन कोर्स लेना चाहते हैं।
नियोक्ताओं में बढ़ेगा भरोसा
नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली 22 वर्षीय नेहा के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। वह कहती हैं- ‘कई कारणों से मुझे रेगुलर कॉलेज के बजाए डिस्टेंस लर्निंग द्वारा ग्रेजुएशन करनी पड़ी। अब यह सुनकर अच्छा लग रहा है कि मेरी डिग्री को परंपरागत डिग्री के समकक्ष ही माना जाएगा। क्योंकि, शुरुआत में कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। मसलन, ओपन मोड से पढ़ाई क्यों की? रेगुलर में क्या दिक्कत थी?’
स्किल बढ़ाने में मिलेगी मदद
इससे पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्किल बढ़ाने की चाहत रखने वाले पेशेवरों को भी फायदा होगा। बैजू’स के स्टूडेंट काउंसलर, आजाद जितेन्द्र चौधरी कहते हैं, ‘पूरी दुनिया में शिक्षा का पैटर्न अब ऐेसे ही बदल रहा है। खासतौर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों का रुझान अच्छे ऑनलाइन संस्थानों की ओर बढ़ा है।’ हालांकि, करियर काउंसलर जितिन चावला के अनुसार, ‘बेशक ओएलडी को रेगुलर कोर्सेज के समकक्ष मान्यता देने का फैसला आया है, पर हमारी शिक्षा को देखते हुए यह कहना होगा कि इसके पूरी तरह क्रियान्वयन में समय लगेगा।’ अभी भी यूजीसी ने स्पष्ट कहा है कि आवेदकों को नो एडमिशन श्रेणी या वर्जित ऑनलाइन कार्यक्रमों के बारे में अच्छे से जांच लेना चाहिए। यह भी कि परंपरागत मोड के साथ योग्यता की समानता, ओएलडी हेतु निषिद्ध कोर्सेज तथा उच्च शिक्षा संस्थान तथा पाठ्यक्रम की मान्यता भी जान लेना जरूरी है।
- डिस्टेंस एजुकेशन व ऑनलाइन कोर्स के स्टूडेंट को रेगुलर कोर्स के छात्रों की धारा में खुद को स्थापित करने के लिए डिग्री के साथ अपने स्किल को विकसित करना होगा, तभी उनकी विश्वसनीयता कायम होगी।
- जिन विदेशी यूनिवर्सिटीज के ऑनलाइन डिग्री कोर्स को यूजीसी ने मान्यता दी है, सरकारी नौकरियों के संदर्भ में वे ही कारगर होंगी।
- अब एक साथ दो डिग्री कोर्स करके छात्र कम समय में ज्यादा स्किल्ड बन सकते हैं।
- दूर-दराज के छात्रों को उच्च शिक्षा का मौका मिलेगा, जो कि उनकी स्किल्स को बढ़ाने का अच्छा मौका हो सकता है। खासतौर से ऐसे युवा पेशेवर, जिन्होंने जल्दी काम करना शुरू कर दिया था, या दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले जहां संस्थानों का अभाव था, तथा वे जो काम के साथ आगे की पढ़ाई भी जारी रखना चाहते हैं, पर मान्यता न मिलने के कारण कदम रोके हुए थे, वे अब अपने सीवी को दमदार बना सकेंगे। बेहतर स्किल ही कंपनियों के लिए वरीयता सूची में इन दिनों नंबर वन पर है।
पूरी दुनिया में शिक्षा का पैटर्नअब ऐेसे ही बदल रहा है। खासतौर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों का झुकाव अच्छे ऑनलाइन संस्थानों की ओर बढ़ा है। इससे एक साथ ज्यादा स्किल पाने का अवसर भी मिला है। -आजाद जितेंद्र चौधरी, स्टूडेंट काउंसलर, बैजू’स
कुछ और फायदे भी हैं
- ज्यादा चयन की सुविधा
- छात्रों को विविध संस्थान व विविध कोर्स चुनने के मौके मिलते हैं।
- कम खर्च
- समय और धन की बचत होती है।
- कभी भी और कहीं भी
- ऑनलाइन कोर्स कंटेंट 24 घंटों में कभी भी एक्सेस किया सकता है।
ग्लोबल नॉलेज
दुनिया भर के प्रशिक्षकों के शामिल होने के चलते वैश्विक जानकारी से लैस होते हैं छात्र।
दावेदारी बढ़ाने का मौका
नए बदलाव को लेकर सीनियर लीडरशिप कॉरपोरेट ट्रेनर रीना सिंह का कहना है कि इससे फायदे ज्यादा होंगे। इस बदलाव से छोटे शहरों के युवा की भी दावेदारी कंपनियों की चयन प्रक्रिया में बढ़ेगी। ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर नियोक्ताओं में बेहतर स्वीकार्यता होगी। स्किल बढ़ाने में समान मौका हर युवा के पास होगा।
45 फीसदी छात्रों ने माना कि ई-लर्निंग का सबसे बड़ा फायदा ‘शिक्षा कहीं भी, कभी भी’ है, 3000 छात्रों पर किए एक सर्वे में। 20 प्रतिशत ने कहा कि ऑनलाइन कोर्स अपनी गति से करने की सुविधा मिलना इसकी बड़ी खासियत है।
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