बिहार में एक भी विश्वविद्यालय में डिस्टेंस की पढ़ाई नहीं, UGC ने लगाई सभी पर रोक
बिहार में एक भी विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई नहीं हो रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी की मान्यता पर रोक लगा रखी है। इसका नुकसान सूबे के लाखों छात्रों को हो रहा है।
बिहार में एक भी विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई नहीं हो रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी की मान्यता पर रोक लगा रखी है। इसका नुकसान सूबे के लाखों छात्रों को हो रहा है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या बिहार में एक लाख से अधिक थी। वहीं राज्य के इकलौते नालंदा खुला विश्वविद्यालय को भी अब तक नए सत्र में नामांकन की मंजूरी नहीं मिलने से नामांकन शुरू नहीं हो सका है। सबसे बड़ी समस्या है यूजीसी के नए नियम के मुताबिक दूरस्थ शिक्षा को भी नैक से मान्यता लेनी है। इसके बाद ही नामांकन संभव है।
नालंदा खुला विश्वविद्यालय ने नैक के लिए एसएसआर (स्व अध्ययन रिपोर्ट) सबमिट कर दिया है। करीब एक माह बीत चुके हैं। पर एसएसआर जमा करने के 45 दिनों के बाद ही नैक की टीम आती है। इधर जबतक नैक से ग्रेड नहीं मिल जाता है, नामांकन की प्रक्रिया शुरू करना संभव नहीं है। इधर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने बताया कि मान्यता के लिए यूजीसी के चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार से कई बार मुलाकत हो चुकी है। विश्वविद्यालय की ओर से पक्ष रखा गया है पर यूजीसी के चेयरमैन की ओर से अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि यूजीसी ने देश के कई खुला विश्वविद्यालयों के नामांकन पर रोक लगा दी है।
राज्य के किसी विवि को नैक से ए ग्रेड नहीं
यूजीसी के नियम के मुताबिक देश के वही विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई करा सकते हैं, जिस विश्वविद्यालय को नैक से एक ग्रेड प्राप्त है। बी प्लस और बी ग्रेड वाले विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई नहीं करा सकते हैं। वर्तमान में राज्य के किसी विश्वविद्यालय को नैक से ए ग्रेड नहीं मिला हुआ है। इससे सभी विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई बंद है।
इग्नू नामांकन में हुआ इजाफा बिहार के विवि में दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई बंद होने का सबसे ज्यादा फायदा इग्नू को हुआ है। इग्नू के निदेशक अभिलाष नायक ने बताया कि दो सत्रों में नामांकन होता है। पहला जनवरी और दूसरा जुलाई सत्र में। दोनों सत्रों को मिलाकर 65 हजार से अधिक नामांकन हो चुका है। जनवरी में 24 हजार और जुलाई सत्र में 41 हजार नामांकन हो चुका है। अंतिम तिथि 31 जुलाई तक है।
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