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UGC New Guidelines : DUTA ने कहा, नई यूजीसी गाइडलाइंस में स्टूडेंट्स के हितों की अनदेखी

UGC guidelines : दिल्ली यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (डूटा) ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की नई गाइडलाइंस के प्रति नाखुशी जताई और कहा कि आयोग ने स्टूडेंट्स के...

Pankaj Vijay पीटीआई, नई दिल्लीTue, 7 July 2020 12:18 PM
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UGC guidelines : दिल्ली यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (डूटा) ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की नई गाइडलाइंस के प्रति नाखुशी जताई और कहा कि आयोग ने स्टूडेंट्स के हितों की पूरी तरह से अनदेखी की है। गौरतलब है कि यूजीसी की नई गाइडलाइंस में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षा सितंबर के अंत में आयोजित करने का फैसला किया गया है। जबकि स्टूडेंट्स और पेरेंट्स सोशल मीडिया पर कोरोना महामारी का हवाला देकर लगातार परीक्षाएं रद्द करने की मांग कर रहे थे। 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को यूजीसी की नई गाइडलाइंस की घोषणा की। कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर जुलाई के लिए निर्धारित कार्यक्रम को टाल दिया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सिंतबर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दे पाने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय ''जब उचित होगा तब'' विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे। मंत्रालय का यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद आया है जिसमें उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत परीक्षाएं आयोजित करने की मंजूरी दी थी। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, 'विश्वविद्यालय अथवा संस्थान द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से सितंबर अंत तक आयोजित की जाएंगी।'

शिक्षकों और छात्रों के लगातार विरोध के बावजूद भी दिल्ली यूनिवर्सिटी 10 जुलाई से फाइनल ईयर स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने जा रही है। 

डूटा ने कहा कि यह छात्रों को परीक्षा देने के लिए मजबूर करने को लेकर सरकार ने रास्ता साफ कर दिया है। 

डूटा ने कहा, 'एक ऐसी परीक्षा जिसमें कोई स्पष्टता नहीं है और जो छात्रों के एक बड़े वर्ग के प्रति भेदभावपूर्ण हैं, उसका मकसद शिक्षा में एक बड़े व्यवसाय को बढ़ावा देने के अलावा और कुछ नहीं हो सकता।'

शिक्षक संघ ने कहा, 'यूजीसी और एचआरडी मंत्रालय ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस में स्टूडेंट्स की पूरी तरह अवहेलना की है।'

शिक्षक संघ ने कहा कि ओपन बुक एग्जाम के मॉक टेस्ट में इतनी अधिक तकनीकी समस्याएं आने के बावजूद यूजीसी ने यह घोषणा कर दी कि वह यूनिवर्सिटी से परीक्षा कैंसल करने के लिए नहीं कहेगी। 

मंत्री द्वारा 24 जून को किए गए उस ट्वीट के बाद ऐसा क्या बदल गया जिसमें उन्होंने कहा था कि यूजीसी को अपनी गाइडलाइंस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा गया है। कोविड-19 के आंकड़ों में कोई बदलाव नहीं आया है। कुछ दिनों के अंतराल के दौरान गृह मंत्रालय का विरोधाभासी आदेश दिखाता है कि लाखों स्टूडेंट्स की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से समझौता किया गया है। 

एक ऐसी परीक्षा, जिसमें धांधली को पकड़ने की कोई व्यवस्था न हो, उसके आधार पर कैसे डिग्री दी जा सकती है? 

UGC New Guidlines 

यूजीसी के निर्णय के अनुसार अगर कोई छात्र इस परीक्षा में पास नहीं होता है तो उसे बाद में परीक्षा में भाग लेने का एक और अवसर दिया जाएगा। ऑफलाइन परीक्षा का मतलब छात्र कॉपी पेन से परीक्षा देंगे। अगर कोई छात्र अपनी पिछली परीक्षाएं नही दे पाया हो तो उसे पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में परीक्षा देनी होगी।

यूजीसी ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि परीक्षा देने से अकादमिक विश्वसनीयता बढ़ती है और छात्रों को समान अवसर मिलता है तथा छात्रों में संतुष्टि और आत्मविश्वास का भाव भी पैदा होता है और छात्र अगर परीक्षा देते हैं तो उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिलती है इसलिए यह परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। 

आखिरी सेमिस्टर के अलावा अन्य सेमिस्टर के नतीजे पिछले प्रदर्शन एवं आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएंगे।

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