Hindi Newsकरियर न्यूज़UGC Guidelines: Educationists urge UGC to reconsider decision on conducting universities final year exam

UGC Guidelines: शिक्षाविदों ने यूजीसी से कहा, परीक्षा कराने के फैसले को लेकर दोबारा विचार करें

शिक्षाविदों ने यूजीसी को पत्र लिखकर फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने के फैसले पर दोबारा विचार विमर्श करने के लिए लिखा है।  यूजीसी की प्रमुख डीपी सिंह को लिखे पत्र में लिखा है कि परीक्षाओं पर यूजीसी...

Anuradha Pandey हिन्दुस्तान टाइम्स संवाददाता, नई दिल्लीSat, 11 July 2020 03:19 PM
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शिक्षाविदों ने यूजीसी को पत्र लिखकर फाइनल ईयर की परीक्षाएं कराने के फैसले पर दोबारा विचार विमर्श करने के लिए लिखा है।  यूजीसी की प्रमुख डीपी सिंह को लिखे पत्र में लिखा है कि परीक्षाओं पर यूजीसी की लेटेस्ट एडवाइजरी दुर्भाग्यपूर्ण है। ये हमें आगे ले जाने की बजाय पीछे ले जाएंगे। आपको बता दें कि यूजीसी की रिवाइज्ड गाइडलाइंस के मुताबिक सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए 30 सितंबर तक यूजी और पीजी कोर्सेज के फाइनल ईयर/सेमिस्टर की परीक्षाएं कराना अनिवार्य है।

 पत्र में लिखा गया है कि यूजीसी के इस फैसले से इससे राज्यों के अनिश्चितता का दौर शुरू हो जाएगा। क्योंकि कई राज्य पहले ही परीक्षाएं रद्द करने का फैसला ले चुके थे। इसमें यूजीसी के पूर्व चैयरमेन सुखदेव थोराट समेत कई शिक्षाविदों ने हस्ताक्षर किए हैं। 

पत्र में यह भी लिखा गया है कि इश आपदा के दौर में परीक्षाओं को रद्द करने के दो फायदे हैं। पहला, इससे परीक्षाओं को बार-बार स्थगित करने से पैदा होने वाली अनिश्चितताएं खत्म होंगी। दसूरा, इससे परीक्षाओं की प्रामाणिकता भी बनी रहती है। सभी परीक्षार्थियों को भेदभाव रहित समान अवसर मिलते हैं। अधिकतर स्टूडेंट्स और संस्थाओं की वास्तविक स्थिति को देखते हुए 'ऑनलाइन' या 'मिक्स मोड' परीक्षाएं लिए जाना पक्षपातपूर्ण होगा, क्योंकि इससे उन स्टूडेंट्स को फायदा होगा, जिनके पास इंटरनेट की अच्छी पहुंच है। 

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