SSC, CTET सॉल्वरों को परीक्षा केंद्र पर सुविधाएं पहुंचाने में दो हिरासत में
एसटीएफ ने एसएससी और सीटेट परीक्षा में सॉल्वर बैठाने वाले गिरोह से जुड़े दो लोगों को रविवार दोपहर हिरासत में ले लिया। इन दोनों के मोबाइल नम्बर को खंगालने पर कई और जानकारियां मिली। दोनों से करीब तीन घंट
एसटीएफ ने एसएससी और सीटेट परीक्षा में सॉल्वर बैठाने वाले गिरोह से जुड़े दो लोगों को रविवार दोपहर हिरासत में ले लिया। इन दोनों के मोबाइल नम्बर को खंगालने पर कई और जानकारियां मिली। दोनों से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई। खुलासा हुआ कि ये दोनों ऑनलाइन परीक्षा केन्द्र पर साठगांठ कराने में मदद करते थे। साथ ही लखनऊ के अंदर सॉल्वर को सुविधायें पहुंचाते थे। इन दोनों के बारे में पहले पकड़े गये साल्वरों से काफी जानकारी मिली थी।
पिछले 20 दिनों में एसटीएफ ने एक दर्जन से अधिक साल्वरों को विभिन्न ऑन लाइन परीक्षा केन्द्रों से पकड़ा। सबसे पहले पकड़े गये गिरोह का सरगना सेना का सैनिक रामबरन निकला। रामबरन के सम्पर्क में पूर्व सैनिक और वर्तमान सैनिक थे। ये दोनों भी पकड़े जा चुके हैं। ये सब तीन लाख से आठ-10 लाख रुपये तक प्रति अभ्यर्थी वसूलते थे। इन लोगों से मिली जानकारी के बाद एसटीएफ ने कई मूल अभ्यर्थियों और साल्वरों को पकड़ा था।
कई जगह दबिश में मिले दोनों
एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि वजीरगंज और गोमतीनगर में रहने वाले ये दोनों लोग मूल रूप से फिरोजाबाद के है। ये लोग ऑन लाइन परीक्षा केन्द्रों पर साल्वर को ले जाते थे। साथ ही साल्वर जब लखनऊ आ जाते थे तो उनकी मुलाकात मूल अभ्यर्थी से कराते थे। ये दोनों ही साल्वर को कई तरह की सुविधायें पंहुचाते थे। हालांकि दोनों यही कहते रहे कि उन्हें यह नहीं पता रहता था कि जिनकी मदद की जा रही है, वह साल्वर है। एसटीएफ का कहना है कि ये लोग बचने के लिये ऐसा कर रहे हैं। इन दोनों को पकड़ने के लिये कई जगह दबिश दी गई थी।
बिहार से भी जुड़े इनके तार
इन दोनों की कॉल डिटेल में बिहार के भी नम्बर मिले थे। इस आधार पर ही यह भी माना जा रहा है कि दोनों के तार बिहार के गिरोह से भी जुड़े हैं। एसटीएफ के हत्थे चढ़े कई साल्वर बिहार के हैं। इस मामले में कुछ और जानकारियां जुटायी जा रही हैं।
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