रिजल्ट में देरी से बड़े संस्थानों में एडमिशन से चूक रहे टीएमबीयू के छात्र
टीएमबीयू के सत्र में देरी से यहां के छात्र बड़े संस्थानों में नामांकन नहीं ले पा रहे हैं। दो साल से लगातार बड़े संस्थानों में नामांकन से चूक रहे छात्रों को इस बार उम्मीद थी कि वे नामांकन ले पाएंगे मगर
टीएमबीयू के सत्र में देरी से यहां के छात्र बड़े संस्थानों में नामांकन नहीं ले पा रहे हैं। दो साल से लगातार बड़े संस्थानों में नामांकन से चूक रहे छात्रों को इस बार उम्मीद थी कि वे नामांकन ले पाएंगे मगर स्नातक रिजल्ट में देरी और मार्क्सशीट जारी नहीं होने से छात्र निराश हैं। मंगलवार को भी छात्र-छात्राओं ने परीक्षा विभाग जाकर मार्क्सशीट की मांग की। उन्हें कहा कि कॉलेजों में टीआर भेजा जा रहा है। प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद कुमार झा ने कहा कि रिजल्ट जारी हो चुका है। टीआर बनाकर कॉलेजों को भेजा जा रहा है।
छात्रों ने कहा कि टीएमबीयू से स्नातक करने में उन्हें चार से पांच साल का समय लग गया मगर अब तक रिजल्ट हाथ में नहीं है। छात्र दिल्ली और बीएचयू के विश्वविद्यालय से पीजी करना चाह रहे हैं लेकिन रिजल्ट नहीं होने से इस साल भी नामांकन नहीं मिल पाएगा। छात्रा रश्मि कुमारी ने कहा कि वे एसएम कॉलेज से सत्र 2018-21 से हिंदी में स्नातक कर रही हैं। आगे बीएड या फिर दिल्ली यूनिर्वसिटी से पीजी करना चाह रही हैं। मगर सत्र में देरी की वजह से वे साल भर लेट हैं। इधर इस साल भी रिजल्ट नहीं मिलेगा तो नामांकन नहीं होगा। प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार ने कहा कि जिन छात्रों का रिजल्ट जारी हो चुका है, उन्हें मार्क्सशीट जल्द उपलब्ध करा दी जाएगी।
अलीगढ़ और जामिया-मिलिया में आवेदन की तिथि जारी
पीजी करने वाले छात्रों ने बताया कि सत्र 2022 के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिर्वसिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया विवि में आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू और बीएचयू में अगले माह से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटी से बीएड करने के इच्छुक छात्र 30 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। पटना यूनिवर्सिटी के बीएड कॉलेज में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में टीएमबीयू के छात्रों के लिए चुनौती है कि उन्हें अंक पत्र नहीं मिलेगा तो वे कहीं भी नामांकन नहीं ले पाएंगे।
सत्र नियमित करने की दिशा में काम नहीं
प्रभारी कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय को सात माह होने जा रहा है मगर अब तक उन्होंने सत्र नियमित करने की दिशा में एक भी बैठक नहीं की। नतीजा विवि के जिम्मेदार भी चुप बैठे हैं। सीनेट सदस्य जयप्रीत मिश्रा ने कहा कि स्नातक से लेकर पीजी के छात्र सत्र में देरी की वजह से काफी परेशान हैं। स्नातक की बात करें तो सत्र (2019-22) में पार्ट दो और पार्ट तीन, सत्र (2020-23) पार्ट एक और दो, सत्र (2021-24) पार्ट एक की परीक्षा लंबित है। पीजी की बात करें तो सत्र (2018 -20) सेम चार, सत्र (2019-21) सेम तीन और चार, सत्र (2020-22) सेम एक, दो, तीन और चार की परीक्षा लंबित चल रही है। पीजी सत्र (2018 -20) के दर्जनों छात्र बीएड करना चाह रहे हैं मगर अब तक चौथे सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है।
प्रॉविजनल के लिए कागज की कमी
परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने दावा किया है कि कॉलेजों को टीआर के साथ-साथ मार्क्सशीट दी जाती है ताकि छात्रों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। प्रॉविजनल के लिए कागज की कमी है। इसे विश्वविद्यालय प्रशासन दूर करके छात्रों को उपलब्ध करा देगा।
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