टेरिटोरियल आर्मी के जरिए भारतीय सेना में होगी साइबर विशेषज्ञों की भर्ती, आवेदन प्रक्रिया शुरू
सेना द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार टेरिटोरियल आर्मी में साइबर एक्सपर्ट की भर्ती को मंजूरी दी जा चुकी है। टेरिटोरियल आर्मी के जरिये प्रशिक्षित साइबर विशेषज्ञों को अधिकारी के रूप में भर्ती
भारतीय सेना में टेरिटोरियल आर्मी (टीए) के जरिये अब साइबर विशेषज्ञों की भर्ती की जाएगी। इससे सेना को साइबर चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। सेना की हालांकि अपनी अलग से ‘कमांड साइबर आपरेशंस सपोर्ट विंग’ (सीसीओएसडब्ल्यू) मौजूद है। लेकिन, सूचना प्रौद्यौगिकी के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर सेना के समक्ष भी लगातार साइबर चुनौतियां बढ़ रही हैं। इसके अलावा निचले स्तर पर जवानों को भी प्रशिक्षित करने की जरूरत महसूस की जा रही है। सेना द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार टेरिटोरियल आर्मी में साइबर एक्सपर्ट की भर्ती को मंजूरी दी जा चुकी है। टेरिटोरियल आर्मी के जरिये प्रशिक्षित साइबर विशेषज्ञों को अधिकारी के रूप में भर्ती किया जाता है। हाल के समय में इसमें कई किस्म के विशेषज्ञों के भर्ती के रास्ते खोले हैं। कुछ समय पूर्व भाषाविदों को अधिकारियों के रूप में भर्ती किया गया था। अब आईटी विशेषज्ञों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है।
सेना द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता
टीए के जरिये होने वाली भर्ती में नियुक्ति अस्थाई होती है। यह आवेदक पर निर्भर करता है कि वह साल भर कार्य करना चाहता है या फिर न्यूनतम दो महीने। इसमें न्यूनतम पद लेफ्टिनेट का होता है। सेना द्वारा उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है और समय-समय पर उनका पद भी बढ़ाया जाता है।
इस साल शुरू हो जाएगी नियुक्ति
सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार साइबर विशेषज्ञों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अब तक साढ़े चार से भी ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। सेना ने कहा कि इसी साल से साइबर विशेषज्ञों की बतौर सैन्य अधिकारी नियुक्ति शुरू हो जाएगी।
आईटी विशेषज्ञों बन सकेंगे सैन्य अधिकारी
इस फैसले से आईटी विशेषज्ञों को भी सैन्य अधिकारी की यूनिफॉर्म पहनकर देश सेवा करने का मौका मिलेगा। वे अपने मूल कार्य को जारी रखते हुए साल में कुछ महीनों के लिए सैन्य अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सकेंगे।
विभिन्न विशेषज्ञों की जरूरत
सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि समय के साथ-साथ सेना को विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की जरूरत है। जैसे, कई देशों के साथ होने वाली बैठकों के दौरान अनुवादकों की जरूरत पड़ती है। इसी कारण भाषाविदों को टेरिटोरियल आर्मी के जरिये एंट्री दी गई।
पूर्व में टेरिटोरियल आर्मी के जरिये डॉक्टर सेना में बहुत आते थे लेकिन तब साइबर सुरक्षा जैसी कोई जरूरत नहीं थी। हालांकि आज यह सबसे बड़ा क्षेत्र है। यही वजह है कि साइबर एक्सपर्ट के लिए भी प्रवेश खोला गया।
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