Surya Grahan 2022 : भारत में दिखा सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा, पूजा पाठ शुरू, अब करें ये उपाय
Surya Grahan 2022: भारत में सूर्य ग्रहण कुछ देर में शुरू होने वाला है। हालांकि आइसलैंड से यह शुरू हो गया है। भारत में ग्रहण शाम 4.29 बजे से शुरू होगा और शाम 6.09 मिनट पर खत्म होगा।
Surya Grahan 2022 Latest Updates : भारत में मंगलवार को सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse ) का नजारा दिखा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण था जो कि भारत के अधिकांश शहरों से दिखा। पूर्वोत्तर भारत यानी मेघालय के दाईं और असम राज्य के गुवाहाटी के आसपास के बाएं हिस्सों में यह सूर्यग्रहण नहीं दिखाई दिया। करीब 27 साल बाद ऐसा हुआ है कि दिवाली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण लगा है। इससे पहले यह खगोलीय घटना 24 अक्टूबर 1995 को दिवाली के दूसरे दिन हुई थी।
कल और परसों मनाएं जाएंगे गोवर्धन पूजा और भैया दूज
ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा आज की जगह कल 26 अक्टूबर को और भैया दूज का त्योहार परसों 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
- दिल्ली के बिरला मंदिर के पुजारी लाल चंद शर्मा ने कहा कि आज इस सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लगेगा। सूतक अभी चल रहा है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को छोड़कर किसी को भी ग्रहण के दौरान न यात्रा करनी चाहिए, न खाना चाहिए और न ही सोना चाहिए। हमें अपने घरों में शांतिपूर्वक रहना चाहिए।
ग्रहण के बाद कब खुलेंगे मंदिर
ग्रहण आज शाम 6.09 बजे खत्म हो जाएगा। इसके बाद मंदिरों में साफ-सफाई होगी। कुछ में यज्ञ-हवन भी होगा। फिर पूजा पाठ के बाद आरती की जाती है। यानी 06.09 बजे के बाद मंदिर खुल जाएंगे।
ग्रहण के बाद क्या करें
- ग्रहण के बाद कपड़ों सहित स्नान करना चाहिए।
- ग्रहण के बाद आसन, गोमुखी व मंदिर में बिछा हुआ कपड़ा सभी को धो दें। गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में करें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- सूतक काल लगते ही तुलसी या कुश मिश्रित जल को खाने-पीने की चीजों में रखना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तुलसी दल या कुश को ग्रहण के बाद निकाल देना चाहिए। कहते हैं ग्रहण का असर तुलस दल ले लेता है और आपकी चीजों को दूषित नहीं होने देता । इसलिए ग्रहण समाप्त होने के बाद इसे निकाल लेना चाहिए।
- ग्रहण के बाद गरीबों में दान करना अच्छा माना जाता है। ग्रहण के बाद अनाज से लेकर कपड़ों का मंदिर में दान करना चाहिए। राशि के अनुसार दान की वस्तुए देना और भी शुभ रहता है।
- ग्रहण खत्म होने के बाद देवी देवताओं के दर्शन जरूर केरं।
- माता लक्ष्मी के पूजन की चौकी भी ग्रहण काल के समाप्त होने के बाद ही उठाई जाएगी।
क्यों पड़ता है सूर्य ग्रहण ?
खगोलशास्त्र के अनुसार, सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी जब एक ही सीध पर आ जाते हैं तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी के कुछ हिस्से पर कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी बाधित करता है। इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
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