5वीं, 8वीं परीक्षा में फेल में होने वाले छात्र अगली कक्षा में नहीं होंगे प्रोन्नत
Primary Education in Delhi: कक्षा 5 और कक्षा 8 के कमजोर छात्रों के लिए मुश्किल भरी खबर है। मौजूदा शैक्षणिक सत्र से 'नो डिटेंशन पॉलिसी' खत्म होने चलते अब 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्र अगली कक्षा
शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा पांचवीं और आठवीं से ‘नो डिटेंशन नीति’ हटने से फेल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं हो सकेंगे। ऐसे छात्रों को अब दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। 9वीं में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी में कंपार्टमेंट देखने को मिली है। वहीं, 11वीं के छात्रों की अर्थशास्त्रत्त् सहित कई दूसरे विषयों में कंपार्टमेंट आई है। राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव अजय वीर यादव ने बताया कि इस वर्ष परीक्षा परिणाम में पहली से सातवीं कक्षा तक ‘नो डिटेंशन नीति’ के तहत सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया है। आठवीं के छात्र इस नीति से बाहर थे। इस कारण कई विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पाए। इन्हें अब दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
आठ से परीक्षाएं होंगी
बता दें कि पांचवीं, आठवीं, नौवीं और 11वीं के छात्रों की कंपार्टमेंट परीक्षाएं आठ से 30 अप्रैल तक होंगी। कक्षा तीन से लेकर 9 और 11वीं कक्षा के विभिन्न विषय के अंकों में सुधार के लिए ऑनलाइन लिंक चार अप्रैल तक उपलब्ध रहेगा।
पाठ्यक्रम वेबसाइट से डाउनलोड कर सकेंगे
एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूलों को छठी की पाठ्य पुस्तकें आने से पहले अप्रैल में ब्रिज कोर्स पढ़ाना होगा। नई शिक्षा नीति के अनुसार, ब्रिज कोर्स में कई जानकारियां हैं। सभी अभिभावक इस पाठ्यक्रम को मुफ्त में वेबसाइट https//ncert.nic.in के माध्यम से डाउनलोड कर सकेंगे। पांचवीं के बच्चे पुराने पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर रहे हैं। कक्षा छह में आने वाले बच्चों को नई शिक्षा नीति 2020 से सभी पहलुओं से रूबरू करवाने के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया गया है।
छठी के छात्रों को मई में पुस्तकें मिलेंगी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में कक्षा छह की नई पुस्तकें मई और तीन की इस माह आ सकती हैं। इसलिए स्कूल अभी इन कक्षाओं की किताबें उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षा छह के बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया है। इसके पढ़ने के बाद ही किताबें उपलब्ध होंगी। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर 2024-25 में सबसे पहले तीसरी और छठी कक्षा की नई पुस्तकें आएंगी।
छात्रों को सहजता से समझा सकेंगे शालीमार बाग स्थित माडर्न पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अल्का कपूर ने बताया कि यह बदलाव एक प्रगतिशील कदम है, जो शिक्षा प्रणाली को अद्यतन और सुधार करने का प्रयास कर रहा है। नई पाठ्यपुस्तकें और ब्रिज कोर्स के माध्यम से हम छात्रों को अधिक स्पष्ट और सहज तरीके से समझा सकते हैं। इसके अलावा यह प्रणाली छात्रों की प्रतिभा को निखारती है, आज के दौर में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
संस्थानों को नोटिफिकेशन भेज चुका है बोर्ड इस बाबत सीबीएसई संबद्ध स्कूलों को विस्तृत नोटिफिकेशन भी भेज चुका है। सीबीएसई के निदेशक (शैक्षणिक) जोसेफ इमैनुएल ने कहा कि स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे वर्ष 2023 तक एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों के स्थान पर तीसरी, छठी कक्षा के लिए इन नए पाठ्यक्रम को अपनाएं। एनसीईआरटी से सामग्री प्राप्त होने के बाद ये सभी स्कूलों को ऑनलाइन भेजी जाएगी। स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित होगा, ताकि उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में परिकल्पित शिक्षण के नए तौर तरीके सीखने के दृष्टिकोण से अवगत कराया जा सके।
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