Hindi Newsकरियर न्यूज़Students may return to school under hybrid model know how school may reopen some students can come school

हाईब्रिड शेड्यूल के साथ खुल सकते हैं स्कूल, जानें इस सिस्टम के बारे में

अगले महीने से अनलॉक-4 आरंभ हो जाएगा। मौजूदा हालातों को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों के खुलने के आसार नहीं हैं। लेकिन एक मेडिकल पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना से निपटने की कारगर योजना के साथ...

Pankaj Vijay नई दिल्ली, मदन जैड़ाTue, 25 Aug 2020 07:44 AM
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अगले महीने से अनलॉक-4 आरंभ हो जाएगा। मौजूदा हालातों को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों के खुलने के आसार नहीं हैं। लेकिन एक मेडिकल पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना से निपटने की कारगर योजना के साथ हाईब्रिड शेड्यूल (कुछ बच्चे कक्षा में और कुछ बच्चे ऑनलाइन) के साथ स्कूलों को खोला जा सकता है। छात्रों के समग्र विकास के लिए यह जरूरी है। क्योंकि ऑनलाइन शिक्षा सबको हासिल नहीं है। इसमें बच्चे पिछड़े रहे हैं। फिर लॉकडाउन से भी काफी क्षति हुई है। 

'इंडियन जर्नल ऑफ यूथ एंड एडोल्सेंट हेल्थ' में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के अनुसार डेनमार्क, जर्मनी समेत कई देशों ने हाईब्रिड शेड्यूलिंग के जरिए स्कूलों को आरंभ किया गया है। यह मॉडल भारत में भी लागू किया जा सकता है। इसमें कक्षाओं को छोटे आकार में बांटकर, रोस्टर में बच्चों को स्कूल बुलाकर, समूहों को एक-एक सप्ताह बारी-बारी से स्कूल बुलाया जा सकता है। कक्षाओं को ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में एकसाथ चलाया जा सकता है। कुछ बच्चे कक्षा में मौजूद रहें। कुछ कक्षा में ऑनलाइन मौजूद रह सकते हैं। इस प्रकार रोस्टर में सभी बच्चों को सप्ताह में एक-दो दिन स्कूल आने का मौका मिल सकता है।  

जर्नल ने कहा कि लॉकडाउन होने और स्कूली शिक्षा की सबको समान रूप से ऑनलाइन उपलब्धता नहीं होने से छात्र प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए ज्यादा समय तक स्कूलों को बंद रखना ठीक नहीं होगा। लेकिन स्कूल खोलने से पूर्व सरकार को कोरोना से निपटने की कारगर योजना बनानी होगी। शिक्षकों एवं स्कूल स्टाफ को प्रशिक्षित करना होगा। अभिभावकों को भी जागरूक बनाना होगा। मास्क, हाथ धोने आदि को बढ़ावा देना होगा तथा स्कूलों में इसके पर्याप्त इंतजाम करने होंगे। 

वर्धमान महावीर कॉलेज के कम्युनिटी विभाग के निदेशक डॉ. जुगल किशोर के इस शोध-पत्र में कहा गया है कि छोटे बच्चों को लंबे समय तक ऑनलाइन एजुकेशन पर निर्भर नहीं बनाया जा सकता है। उसे न्यूनतम किया जाना चाहिए। जबकि बड़ी कक्षाओं के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने में कोई हर्ज नहीं है। उन्हें सिर्फ प्रैक्टिकल वर्क के लिए ही स्कूल बुलाया जाए। 

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