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Speech On Gandhi Jayanti : गांधी जयंती पर दें यह शानदार भाषण, भर देगा जोश

Speech On Gandhi Jayanti : आज 2 अक्टूबर को हम महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मना रहे हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। आज के दिन आप यहां से भाषण का उदाहरण ले सकते हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 2 Oct 2023 07:18 AM
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Speech On Gandhi Jayanti : आज 2 अक्टूबर को हम महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मना रहे हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। आजादी की लड़ाई में गांधी जी की अगुवाई में ऐसे कई आंदोलन हुए जिन्होंने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की कमर तोड़ कर रख दी। सत्य और अहिंसा पर आधारित बापू के आंदोलनों के चलते अंग्रेजों की भारत पर से पकड़ ढीली होती चली गई। महात्मा गांधी केवल भारतीयों के लिए ही नहीं, बल्कि वे अपने विचारों से पूरी दुनिया के लिए वंदनीय हो चुके हैं। विदेशों में जगह-जगह उनकी मूर्तियां इस बात का प्रमाण है। गांधी जी हमारे ही नहीं बल्कि अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग, दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और म्यांमार में आंग सान सू की जैसे नेताओं के भी आदर्श रहे। इन नेताओं ने उत्पीड़ित लोगों को लामबंद करने और उनके कल्याण के लिए गांधीवादी विचारों का इस्तेमाल किया। वो ब्रिटिश हुकूमत जिसके बारे में कहा जाता था कि उसके साम्राज्य में सूरज नहीं डूबता, उस हुकूमत को उन्होंने देश की जनता के साथ मिलकर संयम और सिद्धांतों पर अडिग रहकर वापस विलायत का रास्ता दिखा दिया। गांधी के विचार महज एक युग के लिए नहीं बल्कि उनके विचार अनंत काल के लिए मानवता की धरोहर हैं। 

गांधी जयंती पर अगर आप स्कूल में भाषण देने की योजना बना रहे हैं तो यहां से उदाहरण हे सकते हैं-

Gandhi Jayanti speech 2023 : गांधी जयंती पर दे सकते हैं यह भाषण

... आदरणीय अध्यापकगण और मेरे साथियों... 
आज 2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि पूरा विश्व गांधी जयंती मना रहा है। मैं आप सबका शुक्रगुजार हूं कि आपने बापू जैसे महापुरुष पर मुझे बोलने का मौका दिया। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। उन्हीं के विचारों के सम्मान में 2 अक्टूबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। 

साथियों गांधी जी कहा करते थे कि स्वच्छता भक्ति के बाद दूसरी सबसे बड़ी चीज है। यही वजह है कि हर साल सरकार गांधी जयंती पर व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाती है। इस बार भी इस बार गांधी जयंती के अवसर पर देशभर में स्‍वच्‍छता संबंधी अनेक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई। केन्‍द्र सरकार के प्रयासों से पूरे उत्‍साह के साथ स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान चलाया जा रहा है। पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' संबोधन के दौरान सभी नागरिकों से राष्ट्रपिता को 'स्वच्छांजलि' के साथ श्रद्धांजलि देने की अपील की थी। 'एक तारीख, एक घंटा, एक साथ' अभियान चलाया गया। पीएम मोदी के आह्वाहन पर नागरिकों से 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे स्वच्छता के लिए 1 घंटे का श्रमदान किया।

महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया। 

महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया।

गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे।  उन्होंने लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों को अहिंसा से अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

साथियों, गांधी जयंती पर हमें गांधी जी के विचारों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। स्वदेशी अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने का यह बिल्कुल सही समय है। युवाओं व बच्चों को स्वदेशी चीजों का महत्व बताकर हम आर्थिक चुनौतियों पर जीत हासिल कर सकते हैं। आज के दिन हमें घर, आस-पड़ोस, रेलवे स्टेशन, पर्यटन स्थल समेत सभी सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखने का संकल्प लेना चाहिए। उनके सपने तो सभी पूरे होंगे जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शों पर चलेंगे। समाज में सभी वर्गों के लोगों के साथ बराबरी का व्यवहार करेगा। सबको बराबरी का हक मिलेगा। 

अब मैं अपने भाषण पर विराम लगाना चाहूंगा। 

धन्यवाद। 
जय हिन्द!

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