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Speech On Constitution Day : संविधान दिवस पर दें यह सरल भाषण, पक्का मिलेगा इनाम

Speech on Constitution Day : यदि आप भी संविधान दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो यहां हम आपको अपनी दमदार स्पीच का उदाहरण दे रहे हैं। इस स्पीच से आप आइडिया ले सकते हैं। 

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 26 Nov 2023 05:51 AM
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Speech on Constitution Day : स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर 1949 का दिन बेहद यादगार और ऐतिहासिक था। यही वह दिन था जब भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। भारत ने अपने संविधान ( Indian Constitution ) को अपनाया था। इसी दिन की याद में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। जब जब 26 नवंबर आता है, हर भारतीय नागरिक का दिल गौरवान्वित महसूस करता है। संविधान दिवस मनाए जाने की नींव वर्ष 2015 में रखी गई। यह वर्ष संविधान के निर्माता और जनक डॉ. बीआर आंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष था। 26 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। 

संविधान दिवस पर सरकारी संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शैक्षणिक संस्थानों में भाषण प्रतियोगिताएं और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। यदि आप भी संविधान दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहे हैं तो यहां हम आपको अपनी दमदार स्पीच का उदाहरण दे रहे हैं। इस स्पीच से आप आइडिया ले सकते हैं। 

Constitution Day Speech 2023 In Hindi ( संविधान दिवस पर भाषण हिंदी में 2023 )

यहां उपस्थित प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों
कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। देश का शासन और सरकार कैसे चलेगी? सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा कैसी होगी? किस पद की नियुक्ति कैसे होगी और उसके क्या कार्य होंगे? देश के नागरिकों के क्या अधिकार और कर्तव्य होंगे  एवं इनकी रक्षा कैसे होगी? कानून क्या होगा? एक देश को चलाने के लिए ये सभी बातें संविधान में ही निहित होती हैं। 200 सालों की गुलामी के बाद जब भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ तब उसके पास अपना संविधान नहीं था। ऐसे में सबसे पहले संविधान बनाने की चुनौती थी। इसके लिए 1946 में एक संविधान सभा का गठन किया गया। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ और इसे अपनाया गया। आज का दिन हमें इसी महत्वपूर्ण दिन की याद दिलाता है। 26 नवंबर को संविधान दिवस के साथ साथ राष्ट्रीय कानून दिवस भी मनाया जाता है। संविधान अपनाए जाने के कुछ दिनों बाद 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को देश में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 

साथियों, 1949 में ये आज ही का दिन था, जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नए भविष्य की नींव डाली थी। मैं आधुनिक भारत का सपने देखने वाले बाबा साहेब अंबेडकर समेत संविधान सभा के सभी सदस्यों को, संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं। बाबासाहेब अंबेडकर की संविधान निर्माण में सबसे अहम भूमिका रही। 

यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं।

साल 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को  'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था। भारत का संविधान दुनिया भर के बेहतरीन संविधानों को मिलाकर बनाया गया है और ये दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसमें विभिन्न देशों के संविधानों से अच्छी बातें ली गई हैं। 

साथियों, भारत भले ही विविधताओं से भरा देश हो, विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषाओं, जातियों, धर्मों और वेश-भूषाओं वाले लोग रहते हों, सबका रहन-सहन अलग हो, लेकिन संविधान दिवस का दिन सबसे लिए बहुत ज्यादा महत्व रखता है। देश के सभी लोगों पर जब ही संविधान लागू होता है तो राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलती है। अलग-अलग क्षेत्रों के अलग अलग संस्कृति के लोग एक संविधान के दायरे में आते हैं। सभी के लिए समान प्रावधान व नियम कायदे हैं।

साथियों, संविधान दिवस सिर्फ देश की सरकार और राजनीतिक पार्टियों का पर्व नहीं है बल्कि यह पूरे देश की जनता का पर्व है। देश के हर नागरिक के लिए यह गर्व का दिन है। देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम लोग इस उत्सव को पूरे जोश के साथ मनाएं। देश के आजाद होने के बाद हर भारतीय नागरिक संविधान द्वारा उसे दिए गए मौलिक अधिकारों का आनंद लेते आ रहा है। लेकिन हमें इसके साथ-साथ देश के कानून का पालन करने और संविधान में दिए गए मौलिक कर्तव्यों को निभाने का भी संकल्प लेना चाहिए। अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए ही हम देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। 

संविधान वह आधारशिला है जिस पर भारतीय राष्ट्र खड़ा है। दोस्तों, संविधान के सिद्धांतों का पालन करना हमारा दायित्व है। आज के दिन इस प्रण को लेकर हम देश के संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। संविधान निर्माताओं के योगदान व संविधान की अहमियत को लेकर हमें जागरूकता भी फैलानी चाहिए। इससे संविधान के प्रति जो निष्ठा पैदा होगी, वो हमारे लोकतंत्र को, हमारे संविधान को और देश के भविष्य को मजबूत करेगी। संविधान दिवस का जश्न इस दिशा में हमारे संकल्पों को और अधिक ऊर्जा देगा।

अब मैं अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा। संविधान दिवस की आप सभी को एक बार फिर से शुभकामनाएं। आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिंद, जय भारत।

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