शिक्षामित्रों को जून का मानदेय नहीं, लेकिन ड्यूटी पूरी
जून का मानदेय नहीं लेकिन ड्यूटी पूरी करवाई जा रही है। शिक्षामित्रों को जून का मानदेय तक नहीं मिलता लेकिन कई जिलों में राशन वितरण, कोविड वैक्सीन सेंटरों पर लगाई जा रही है। और तो और ई-पाठशाला भी चल रही...
जून का मानदेय नहीं लेकिन ड्यूटी पूरी करवाई जा रही है। शिक्षामित्रों को जून का मानदेय तक नहीं मिलता लेकिन कई जिलों में राशन वितरण, कोविड वैक्सीन सेंटरों पर लगाई जा रही है। और तो और ई-पाठशाला भी चल रही है। लिहाजा, अब शिक्षामित्रों ने तय किया है कि वे महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश के बिना ड्यूटी नहीं करेंगे। प्रदेश में 1.58 लाख शिक्षामित्र हैं। उन्होंने मांग की है कि उन्हें जून का मानदेय भी दिया जाए।
शिक्षामित्रों की संविदा 11 महीने की होती है। उनकी संविदा 31 मई को खत्म हो जाती है और एक जुलाई से शुरू होती है। जून का मानदेय न मिलने को बावजूद भी पिछले वर्ष उनकी ड्यूटी क्वारंटीन सेंटरों, राशन वितरण व प्रवासी मजदूरों के सर्वेक्षण में लगाई गई थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी जानकारी न होने का बयान देते हुए पल्ला झाड़ लिया था लेकिन इस बार फिर कई जिलों में उन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया है।
दूसरी तरफ ई-पाठशाला का चौथा चरण भी शुरू हो चुका है। इसमें शिक्षामित्र भी व्हाट्सएप ग्र्रुप के माध्यम से पढ़ा रहे हैं। वहीं उनकी शिकायत है कि केजीबीवी में भी अंशकालिक शिक्षक हैं लेकिन उन्हें पूरे वर्ष का मानदेय दिया जाता है। एक ही विभाग में संविदा के अलग-अलग नियम क्यों हैं?
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने कहा, 'हमने महानिदेशक को पत्र सौंप कर जून के मानदेय की मांग रखी है। शिक्षामित्र पूरे मनोयोग से सभी ड्यूटी निभाते हैं। सरकार को भी उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया रखना चाहिए।'
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।