School Reopen : हरियाणा में स्कूल खुले, HBSE BSEH 10वीं 12वीं परीक्षा की तैयारी शुरू
हरियाणा के विभिन्न जिलों में 10वीं 12वीं कक्षाओं के लिए सोमवार को सरकारी और प्राइवेट स्कूल खोल दिए गए। विद्यार्थियों को मास्क के साथ और शारीरिक तापमान चेक करने के बाद ही विद्यालयों में प्रवेश दिया...
हरियाणा के विभिन्न जिलों में 10वीं 12वीं कक्षाओं के लिए सोमवार को सरकारी और प्राइवेट स्कूल खोल दिए गए। विद्यार्थियों को मास्क के साथ और शारीरिक तापमान चेक करने के बाद ही विद्यालयों में प्रवेश दिया गया। एंट्री गेट पर उनके हाथ सैनिटाइज करवाए गए और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। फिलहाल प्रदेश में स्कूलों को तीन घंटे (सुबह 10 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक) के लिए खोलने की अनुमति दी गई है। गुरुग्राम, फरीदाबाद में विद्यार्थियों ने स्कूल खुलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अब वह अपनी 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
प्रशासन के आदेश के मुताबिक 9वीं व 11वीं के छात्रों के लिए 21 दिसंबर से स्कूल खोले जाएंगे। किसी भी लक्षण वाले छात्र व शिक्षको को कोविड-19 जांच कराना अनिवार्य होगा।
21 सितंबर से खुले थे प्रदेश में स्कूल
राज्य सरकार ने प्रदेश में 21 सितंबर से स्कूल खोल दिए थे। इसके तहत कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी गई थी, लेकिन नवंबर महीने कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी। वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार स्कूलों से शिक्षकों व छात्रों के भी संक्रमित होने के मामले सामने आने लगे। इसके बाद सरकार ने 20 नवंबर को स्कूल बंद रखने के आदेश दे दिए थे।
स्कूलों को इन नियमों का पालन होगा अनिवार्य
- कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करनी होगी।
- स्कूल आने वाले सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
- कोरोना के बिना लक्षण वालों को ही परिसर में प्रवेश मिलेगा।
- बिना लक्षण वाले शिक्षकों व विद्यार्थियों के कोरोना टेस्ट की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अफसरों के साथ मिलकर करनी होगी, निगेटिव रिपोर्ट वाले छात्रों को ही स्कूल आने की अनुमति दें
छात्रों और शिक्षकों की जांच स्कूल में ही हो
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने मांग की है कि छात्रों और शक्षिकों की कोरोना जांच स्कूल में ही हो। छात्रों और शिक्षकों का जांच के लिए इधर-उधर भटकना उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करवाना है। अभिभावक की लिखित में अनुमति लाना जरूरी करने का भी विरोध किया है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि अगर किसी भी कारण से छात्र कोरोना संक्रमित हो जाता है और उसके स्वास्थ्य पर बन आती है तो शिक्षा विभाग के अधिकारी व स्कुल प्रबंधक पर कोई जिम्मेदारी तय नहीं हो सकती है। अत: अभिभावकों को खुद ही अपने बच्चे के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेनी होगी। वह पहले अपने बच्चे की सुरक्षा सुनश्चिति करें उसके बाद ही बच्चों को स्कूल भेजें।
सरकार निजी स्कूलों के दबाव में स्कूल खोल रही है
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने स्कूल खोलने पर जारी बयान में कहा कि सरकार को बच्चो के स्वास्थ्य की चिंता के बजाए निजी स्कूलों की चिंता है। सरकार निजी स्कूल संचालकों के दबाब में स्कूल खोल रही है ताकि अभिभावकों से बढ़ाई गई गैरकानूनी ट्यूशन फीस व प्रतिबंधित किए गए फंड जैसे एडमिशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट फीस, कंप्यूटर फीस आदि वसूली जा सके। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि अगर ऐसा हुआ तो मंच दोषी स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। मंच ने अभिभावकों से कहा है कि वे स्कूलों की किसी भी गैर कानूनी वसूली का विरोध करें।
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