पश्चिम बंगाल में गर्मी के कारण स्कूल-कॉलेज बंद, शिक्षकों ने पढ़ाई पर प्रभाव को लेकर चिंता जताई
पश्चिम बंगाल में विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक संगठनों ने गर्मी के चलते राज्य में शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने पर सोमवार को चिंता जताई और कहा कि इससे शैक्षणिक कार्यक्रम प्रभावित होगा। दो पर्वतीय
पश्चिम बंगाल में विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक संगठनों ने गर्मी के चलते राज्य में शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने पर सोमवार को चिंता जताई और कहा कि इससे शैक्षणिक कार्यक्रम प्रभावित होगा। दो पर्वतीय जिलों-दार्जीलिंग और कलिम्पोंग को छोड़कर राज्य में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय मौजूदा मौसम के कारण एक सप्ताह के लिए 23 अप्रैल तक बंद कर दिए गए हैं। यादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेयूटीए) के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा कि राज्य सरकार के फैसले से अंतिम वर्ष के छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ''इस तरह के फैसले से साबित होता है कि राज्य में उच्च शिक्षा पिछड़ गई है और विश्वविद्यालयों को कोई स्वायत्तता नहीं है।'' वहीं, कलकत्ता विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (सीयूटीए) के एक प्रवक्ता ने कहा, "इस तरह अचानक लिए गए निर्णय से पाठ्यक्रम प्रभावित हो सकता है।" इस बीच, कोलकाता में कई निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। मौसम कार्यालय ने कहा कि कोलकाता में सोमवार को अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस रहा। इसने कहा कि अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
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