RU : राजस्थान विश्वविद्यालय ने ढाई लाख छात्रों को न मार्कशीट दी और न ही प्रमोट करने का सर्टिफिकेट
राजस्थान सरकार के फैसले के साढे चार महीने बाद राजस्थान विश्वविद्यालय ने ढाई-लाख छात्र-छात्राओं को क्रमोन्नत (प्रमोट) किए जाने का फॉर्मूला तय तो कर लिया। इस फॉर्मूले को तय किए हुए भी एक महीना बीत गया...
राजस्थान सरकार के फैसले के साढे चार महीने बाद राजस्थान विश्वविद्यालय ने ढाई-लाख छात्र-छात्राओं को क्रमोन्नत (प्रमोट) किए जाने का फॉर्मूला तय तो कर लिया। इस फॉर्मूले को तय किए हुए भी एक महीना बीत गया लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय ने प्रमोट किए गए विद्यार्थियों को न अंकतालिकाएं दी है और न ही क्रमोन्नति प्रमाण-पत्र। राज्य सरकार के फैसले के बाद विश्वविद्यालय ने जो फॉर्मूला तय किया उसके अनुसार द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को मार्कशीट दी जाएगी। जबकि स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को क्रमोन्नति प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। स्नातक प्रथम वर्ष के प्रमोट किए विद्यार्थियों को मार्कशीट अंतिम वर्ष की मार्कशीट के साथ ही मिलेगी। राजस्थान विश्वविद्यालय ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में कौंसिल की बैठक में इस संबंध में निर्णय किया था।
गौर करने वाली बात है कि राज्य व राष्ट्रीय स्तर की ज्यातर छात्रवृतियों में आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। ऐसे में मार्कशीट व प्रमाण-पत्र नहीं मिलने से छात्रों में बैचेनी बढ़ती जा रही है। 31 दिसंबर तक विद्यार्थियों को क्रमोन्न प्रमाण-पत्र व मार्कशीट नहीं मिलने पर हजारों छात्र छात्रवृतियों के लिए आवेदन करने से वंचित रह जाएंगे।
विश्वविद्यालय ने ऐसे तय किया फॉर्मूला, नहीं होगा कोई फेल
स्नातक प्रथम वर्ष:
स्नातक प्रथम वर्ष के सभी विद्यार्थी द्वितीय वर्ष में प्रमोट किए जाएंगे। अभी किसी भी विषय में अंक नहीं दिए जाएंगे। वर्तमान सत्र में द्वितीय वर्ष की परीक्षा देंगे। अगले साल अंतिम वर्ष के परीक्षा परिणाम के साथ औसत के आधार पर प्रथम वर्ष के अंक दिए जाएंगे। औसत में अगर कोई विद्यार्थी फेल भी हो जाएगा तो उसे न्यूनतम 36 फीसदी अंक दिए जाएंगे।
स्नातक द्वितीय वर्ष:
द्वितीय वर्ष में कुछ विषयों के पेपर हो चुके हैं, उनके अंक उतरपुस्तिकाओं के आधार पर दिए जाएंगे। शेष बचे हुए विषयों में अंक पिछली कक्षा यानी प्रथम वर्ष के आधार पर दिए जाएंगे।
स्नातकोत्तर एवं बीएड प्रथम वर्ष:
सभी विद्यार्थी द्वितीय वर्ष में प्रमोट किए जाएंगे। अभी किसी भी विषय में नंबर नहीं दिए जाएंगे। वर्तमान सत्र में होने वाली अंतिम वर्ष की परीक्षा के आधार पर ही प्रथम वर्ष के अंक दिए जाएंगे। औसत में अगर कोई विद्यार्थी फेल भी हो जाएगा तो उसे न्यूनतम 36 फीसदी अंक दिए जाएंगे।
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