बिहार में ITI की 87 हजार सीटें रह गईं खाली, रेलवे भर्ती में वैकेंसी खत्म होना बड़ी वजह
Bihar ITI Seats : बिहार सहित देशभर में छात्रों की दिलचस्पी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के प्रति लगातार कम हो रही है। पूरे देश में आधे से अधिक निजी आईटीआई की सीटें खाली रह गईं।
बिहार सहित देशभर में छात्रों की दिलचस्पी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के प्रति कम हो रही है। देश में आधे से अधिक निजी आईटीआई की सीटें खाली रह गईं। केवल बिहार में ही 55 फीसदी सीटें आईटीआई की खाली रह गईं। नामांकन तिथि समाप्त होने के बाद खाली रह गई सीटों को भरने के लिए बिहार सरकार ने प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) से और समय की मांग की है। जबकि आईटीआई संचालकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
श्रम संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में 1197 प्राइवेट और 150 सरकारी आईटीआई हैं। डीजीटी ने देश के सभी आईटीआई में सत्र 2022-24 में नामांकन लेने की अंतिम तारीख दूसरी बार बढ़ाते हुए 30 अक्टूबर 2022 तय की। यह तिथि समाप्त हो चुकी है। आकलन के अनुसार बिहार में कुल एक लाख 49 हजार 876 सीटों में से मात्र 61 हजार 962 सीटों पर ही नामांकन हो सका है। जबकि अब भी 87 हजार 914 सीटें खाली रह गईं। तिथि समाप्त होने के बाद सीटें खाली रहने के कारण आईटीआई संचालकों ने बीते दिनों बिहार सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की।
पिछले सत्र में देर से नामांकन एक वजह
कोरोना की वजह से सत्र 2021-23 में नामांकन की अंतिम तारीख को प्रशक्षिण महानिदेशालय ने 15 फरवरी 2022 तक बढ़ाया था। बिहार में राज्य सरकार का पोर्टल नहीं होने के कारण अप्रैल तक नामांकन का सिलसिला जारी रहा। यानी मौजूदा सत्र 2022-24 के लिए मात्र चार महीने ही समय बच सका। ऐसे में जिन छात्रों को नामांकन लेना था, उन्होंने अप्रैल के पहले ही ले लिया। हालांकि अप्रैल तक नामांकन जारी रहने के बावजूद राज्य के आईटीआई में 20 से अधिक सीटें खाली रह गयी थीं।
रेलवे की वैकेंसी समाप्त होना बड़ा कारण
आईटीआई पास करने के बाद सबसे अधिक रेलवे में छात्र नौकरियां किया करते थे। पिछले कई वर्षों से रेलवे की ओर से आईटीआई के लिए उपयुक्त संख्या में बहाली नहीं की गई। इस कारण आईटीआई के प्रति छात्रों की दिलचस्पी कम होते जा रही है। इसके अलावा बिहार राज्य प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से आईटीआई की पढ़ाई से होने वाले लाभ एवं उनसे जुड़े रोजगार के अवसर का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है। इस कारण भी छात्र इससे होने वाले फायदे एवं रोजगार के अवसर से अनभिज्ञ हैं।
संघ ने सरकार से अनुरोध किया कि वह डीजीटी से समय बढ़ाने की मांग करे। श्रम संसाधन विभाग ने संघ के पत्र को ही डीजीटी को भेज दिया। इसके अलावा संघ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर की है। इसमें 25 दिसंबर तक नामांकन लेने की अनुमति मांगी गई है। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होनी है।
राज्य कुल सीट खाली सीट फीसदी
बिहार 149876 87914 59
उत्तरप्रदेश 412544 224523 54
ओड़िशा 58164 22255 38
झारखंड 41244 20594 50
छत्तीसगढ़ 21064 15197 72
दिल्ली 6408 4550 71
उत्तराखंड 11952 6982 58
हरियाणा 29612 23097 78
महाराष्ट्र 58928 23253 39
तामिलनाडु 30776 16927 55
तेलंगाना 29584 12151 41
आंध्रप्रदेश 76228 29439 39
कुल 926380 486938 55
बिहार राज्य प्रशिक्षण निदेशालय को चाहिए कि वह सार्वजनिक माध्यमों से आईटीआई के बारे में प्रचार-प्रसार करे। छात्रों को इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया जाए ताकि अधिक से अधिक छात्र इस फील्ड में कॅरियर बना सकें। -दीपक कुमार, महासचिव, बिहार राज्य प्रगतिशील संघ
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