RRB ग्रुप डी भर्ती 2019: दिव्यांगों ने हाथों में कटोरा लेकर मनाया काला दिवस
रेलवे की ग्रुप डी की भर्तियों में कथित धांधली के खिलाफ दिव्यांगों का प्रदर्शन मंगलवार को आठवें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान...
रेलवे की ग्रुप डी की भर्तियों में कथित धांधली के खिलाफ दिव्यांगों का प्रदर्शन मंगलवार को आठवें दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान उन्होंने हाथों में कटोरा लेकर भीख मांगकर सांकेतिक प्रदर्शन किया। विश्व दिव्यांग दिवस पर सैकड़ों दिव्यांगों ने मंगलवार को काले झंडे लगाकर इसे काला दिवस के रूप में मनाया। उन्होंने रेलवे की भर्ती और परीक्षा में गड़बड़ी की जांच कराने की मांग की। कुछ छात्राओं ने इस दौरान अपनी स्नातक, परास्नातक की योग्यता वाले बैज लगाकर भीख मांगकर भी सांकेतिक प्रदर्शन किया। इस दौरान रेलवे के कुछ अधिकारी छात्रों से मिलने आए थे लेकिन छात्रों ने कहा कि उन्होंने सवालों के कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। प्रदर्शन कर रहे कई छात्र ऐसे हैं जिनके परिजनों ने कर्ज लेकर परीक्षा की तैयारी कराई थी। एक छात्र अभिषेक ने कहा कि भले ही उन्होंने एमबीए, बीएड और एलएलबी जैसी डिग्री हासिल कर ली हो लेकिन सरकारी नौकरियों में धांधली की वजह से उन्हें भीख ही मांगनी पड़ सकती है जबकि पैसे वाले पैसे देकर नौकरी पा लेते हैं।
SSC RRB IBPS खत्म करने की तैयारी, CET से होंगी Govt Jobs भर्ती परीक्षा
दर्द छलका
मां ने जमीन गिरवी रख कोचिंग कराई : रॉबिन
सहारनपुर के रहने वाले रॉबिन ने बताया कि जब वे छोटे थे तो पिताजी का देहांत हो गया था। परिवार बेहद गरीब है तो मां ने मुझे पढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया। उन्होंने बीएड किया है। उनकी मां मजदूरी करती हैं तो पढ़ाने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने अपनी जमीन का एक हिस्सा गिरवी रखकर कर्ज लिया और उनकी पढ़ाई और कोचिंग कराई। वह पिछले चार साल से रेलवे भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। रॉबिन ने कहा कि वे बस अपना हक मांग रहे हैं लेकिन वह भी नहीं मिल रहा। आखिर धांधली के आरोपों पर जांच कराने में क्या दिक्कत है।
RRB Group D भर्ती 2019: भूख हड़ताल पर बैठे दिव्यांगों की तबीयत बिगड़ी
राजस्थान से पति संग न्याय मांगने आईं यशोदा
राजस्थान के हनुमानगढ़ की रहने वाली यशोदा चौधरी आठ दिन पहले रेलवे के ग्रुप डी की भर्तियों में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन करने मंडी हाउस पहुंची हैं। साथ में उनके पति भी आए हैं। यशोदा का कहना है कि विकलांग लड़की की जिंदगी बड़ी कठिन होती है। उनके पति ने मेहनत कराकर परीक्षा दिलवाई थी ताकि उनकी जिंदगी बेहतर हो सके लेकिन भर्तियों में धांधली होगी तो वे कैसे भरोसा करें। वे 14 साल के बेटे को घर पर छोड़कर आईं हैं। वह अकेला खाना बनाता है। यशोदा ने हिंदी में एमए किया है और दो साल से वे इस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं।
RRB ग्रुप डी भर्ती 2019: हंगामे पर रेलवे भर्ती बोर्ड ने दिया ये जवाब
परिजनों ने हक के लिए लड़ने दिल्ली भेजा
महज 20 साल की उम्र वाले विजय विश्व कुशवाहा आंखों से ठीक तरीके से देख नहीं सकते। वे गोरखपुर से अपना हक मांगने दिल्ली आए हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिजनों ने उन्हें न्याय के लिए अकेला दिल्ली आने दिया। विजय ने कहा कि अब कुछ भी हो जब तक मामले की जांच नहीं होती तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन के समय कई जोन में सीट ही खाली नहीं थीं जिसकी वजह से उम्मीदवारों ने वहां फॉर्म ही नहीं भरा था लेकिन जब सीट बढ़ाई गई तो कई जोन में सीट बढ़ा दी गई। सवाल है कि जिन जोन में फॉर्म ही नहीं भरा गया तो वहां सीट बढ़ाने के बाद नौकरी किसको दी जा रही है? जबकि बोर्ड परिवर्तन करने का विकल्प भी नहीं दिया गया था।
विकलांग दिवस पर तो सरकार इनकी बात सुने : प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रदर्शनकारी दिव्यांग छात्रों को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि पिछले 6-7 दिनों से हमारे कुछ युवा मंडी हाउस में ठिठुरन वाली ठंड में रेलवे ग्रुप-डी में भर्ती से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विश्व विकलांगता दिवस पर भाजपा सरकार कम से कम इनकी बात सुनने का कदम तो उठा ही सकती हैं। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में ठंड में बैठकर रात गुजार रहे प्रदर्शनकारी युवाओं की तस्वीरें और मांगें भी साझा की हैं। उन्होंने फेसबुक पर भी इन प्रदर्शनकारियों की ठंड में रात गुजारने की तस्वीरें साझा की हैं और सरकार से इनकी बात सुनने की अपील की है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।