Hindi Newsकरियर न्यूज़RRB Group D CBT 2022: exam agency conducting Railway Group D exam is in the black list in MP MPPEB madhya pradesh

RRB Group D CBT : रेलवे ग्रुप डी परीक्षा कराने वाली वाली एजेंसी एमपी में है काली सूची में

RRB Group D CBT 2022 : रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा दो चरणों में कराए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब एक और नया विवाद समाने आ गया है। ग्रुप डी परीक्षा ( ( Railway Group D Exam ) कराने की...

Pankaj Vijay अभिषेक कुमार, पटनाSat, 5 Feb 2022 05:57 AM
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RRB Group D CBT 2022 : रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा दो चरणों में कराए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि अब एक और नया विवाद समाने आ गया है। ग्रुप डी परीक्षा ( ( Railway Group D Exam ) कराने की जिम्मेवारी जिस एजेंसी को दी गई है, उसपर ही रेलवे अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं। परीक्षा में गड़बड़ी संबंधी आपत्ति सुनने आई टीम के समक्ष अभ्यर्थियों ने तथ्यों के साथ पूरा विवरण भी सौंपा। अभ्यर्थियों के अनुसार इस आपत्ति पर रेलवे अधिकारी कुछ बोल नहीं पाए। उन्होंने इसे रिपोर्ट में शामिल करने की बात कही है। 

अभ्यर्थियों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि आरआरबी ने ग्रुप डी परीक्षा कराने की जिम्मेवारी जिस एजेंसी को दी है, उसे मध्यप्रदेश में ब्लैक लिस्टेड किया गया है। मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के द्वारा दिसंबर 2021 में इस एजेंसी को काली सूची में डाला गया है। इस पर जुर्माना भी लगा है। बोर्ड की वेबसाइट पर भी 22 पेज का नोटिस जारी किया गया है, जिसमें गड़बड़ी का जिक्र है। हालांकि छात्रों ने यह भी कहा है कि इस एजेंसी को कई बड़ी परीक्षा कराने का भी अनुभव है। यदि परीक्षा यही एजेंसी कराती है तो रेलवे बोर्ड पारदर्शिता बरते। कारण पहले ही परीक्षा में विलंब हो रहा है।

नया विवाद
- साक्ष्य के साथ पूरा विवरण सौंपा, पारदर्शिता बरतने की मांग
- बोर्ड की वेबसाइट पर 22 पेज का नोटिस जारी किया गया है, जिसमें गड़बड़ी का जिक्र है।

ग्रुप डी में तीन साल बाद बदला गया मेडिकल स्टैंडर्ड
रेलवे अभ्यर्थियों ने एक अन्य आपत्ति मेडिकल स्टैंडर्ड को लेकर किया है। आरआरबी ग्रुप डी ने एक लाख तीन हजार पदों की भर्ती के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन में जो मेडिकल स्टैंडर्ड 2019 में दिये। बोर्ड ने 3 साल बाद 2022 में उसे बदल दिया है। छात्रों का कहना है कि तीन वर्षों में किसी भी व्यक्ति का मेडिकल स्टैंडर्ड घटता ही है। ऐसे में जब विद्यार्थियों ने आवेदन फॉर्म भरे, उसमें विद्यार्थी अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से अपने पोस्ट प्रिफरेन्स का चयन किया था। एकाएक मेडिकल स्टैंडर्ड को बदलने से दिक्कत होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि बदलाव करना ही है तो पोर्टल खोला जाए ताकि अभ्यर्थी अब की शारीरिक दक्षता के हिसाब से पद का चयन करें।

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