रेलवे ग्रुप डी और ग्रुप सी भर्ती: 1 लाख रुपये में फॉर्म भरवाकर फर्जी रेलवे ट्रेनिंग पर भेजा गया, और फिर पैरों तले खिसक गई जमीन
rrb group d : रेलवे में ग्रुप सी और डी की नौकरी के नाम सात युवाओं से 40 लाख की ठगी की गई। मामले में शामिल रेलवे ड्राइवर समेत 12 के खिलाफ किदवईनगर थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई है। नौकरी के लिए...
rrb group d : रेलवे में ग्रुप सी और डी की नौकरी के नाम सात युवाओं से 40 लाख की ठगी की गई। मामले में शामिल रेलवे ड्राइवर समेत 12 के खिलाफ किदवईनगर थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई है। नौकरी के लिए आठ-आठ लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। जूही बारादेवी निवासी कार ड्राइवर राज नारायण के मुताबिक, साकेतनगर निवासी आशीष कनौजिया उसका कोचिंग का मित्र था। आशीष के पिता राजेंद्र प्रसाद कनौजिया रेलवे में ड्राइवर हैं। रेलवे में नौकरी के लिए आशीष ने अपने पिता से मिलाया। उनके पिता ने आश्वासन दिया कि आठ लाख रुपए खर्च करने पर ग्रुप सी और डी में नौकरी मिल जाएगी। बातों में यकीन कर राज नारायण ने अपने दोस्त चेतन कुशवाहा, गोविंद कुमार, सौरभ सिंह, आबेद अख्तर, अजय सिंह, अखिलेश कुमार और आलोक पाल को भी राजेंद्र प्रसाद से मिलाया।
सभी से एडवांस के तौर पर पहले एक-एक लाख रुपए लेकर फार्म भराए गए। इसके कुछ दिन बाद कुछ को ट्रेनिंग के लिए नार्दन ईस्ट रेलवे गोरखपुर और कुछ को इस्टर्न रेलवे हावड़ा भेजा गया। वहां 40 दिन की ट्रेनिंग कराई गई। ट्रेनिंग के बाद कहा गया कि जल्द ज्वाइनिंग लेटर के बाद नौकरी मिल जाएगी। इस धोखाधड़ी और जालसाजी में विनय उर्फ राजेंद्र पासवान, योगेंद्र सिंह यादव, अंकित त्यागी, बलवीर सिंह, शैलेंद्र सिंह, केशव सिंह, भगवान शर्मा, रीता तिवारी, अंकित शर्मा, पुनीत, हनीफ और संजय द्विवेदी भी शमिल थे।
बिजली विभाग में नौकरी के नाम पर 12 लाख की ठगी
बिजली विभाग में नौकरी के नाम पर लाखों रुपये ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। बेरोजगार युवकों ने दारागंज के दो भाइयों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में ठगी की एफआईआर दर्ज कराई है। गोविंदपुर के रहने वाले कामरान हुसैन और अनिल शुक्ला ने दारागंज के फैजान और उसके भाई जीशान के खिलाफ 12 लाख रुपये हड़पने की एफआईआर कराई है। कामरान का आरोप है कि फैजान और जीशान उसके पुराने परिचित हैं। 2017 में मुलाकात के दौरान कहा था कि अगर किसी की बिजली विभाग में नौकरी लगवानी हो तो बताना। उसके पिता की बिजली विभाग में बड़े अधिकारियों से अच्छी सेटिंग है। लाइनमैन के लिए 11 लाख रुपये खर्च करना होगा। छह लाख रुपये एडवांस देना होगा और बाकी के पांच लाख रुपये नियुक्त पत्र मिलने के बाद। कामरान और अनिल शुक्ला ने छह-छह लाख रुपये उन्हें दे दिया। छह महीने में बिजली विभाग में जॉब लग जानी थी लेकिन नौकरी नहीं लगी। उस वक्त कहा था कि ऊर्जा मंत्री से बात हो गई है, देर हो रही है लेकिन जॉब मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरोपी एक दिन कचहरी में मिल गए और रुपये मांगने पर गोली मारने की धमकी दी।
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