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Republic Day Speech in Hindi : गणतंत्र दिवस पर दें यह दमदार भाषण, भर देगा जोश

Republic Day Speech in Hindi : गणतंत्र दिवस के इतिहास व महत्व को बताने के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अगर आप प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो भाषण से उदाहरण ले सकते हैं। 

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 Jan 2023 05:28 AM
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Republic Day speech in Hindi : 26 जनवरी का दिन हर वर्ष हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया था। यानी इसी दिन भारत ने अपने संविधान को अपनाया था। हमारा देश एक गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ था। देश को उसका लिखित संविधान मिला था। इस दिन को पूरे भारतवर्ष में खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है। देश की आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस बार भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस मनाने के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों में कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं जैसे लेख लिखवाए जाते हैं। गणतंत्र दिवस के इतिहास व महत्व को बताने के लिए भाषण व निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी इस तरह की किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो नीचे लिए भाषण से उदाहरण ले सकते हैं। 

Republic Day speech in Hindi : गणतंत्र दिवस भाषण

आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, गुरुजन, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! आज हम सब यहां भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। साथियों,  15 अगस्त 1947 को हमारा देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त जरूर हो गया था लेकिन देश की शासन व्यवस्था को चलाने के लिए हमारे पास अपना संविधान नहीं था। संविधान के बगैर देश को नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में तब एक संविधान सभा का गठन किया गया और संविधान बनाया गया। इसमें निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे अहम भूमिका रही। संविधान को बनने में 2 साल 11 महीनें 18 दिन का समय लगा। गहन विचार विमर्श, मंथन, कई बैठकों के बाद बनाए गए इस संविधान को देश में 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया और भारत को लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया। 

यह संविधान ही है जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। 

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होता है। राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं। राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के साथ उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती है। परेड में भारत की तीनों सेना- नौ सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी शामिल होती हैं और सेना की ताकत दिखती है।  ऐसा नहीं है कि 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने और परेड व झांकियों आदि के समापन के साथ ही यह राष्ट्रीय त्योहार खत्म हो जाता है। 29 जनवरी को ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है। 

गणतंत्र दिवस का दिन हमारी प्रगति का जायजा लेने और उभरती चुनौतियों के क्षितिज को मापने का अनोखा अवसर प्रदान करता है।  हमने पिछले 74 वर्षों में पर्याप्त दूरी तय कर ली है लेकिन संघर्ष के दिन समाप्त नहीं हुए हैं। आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। भारत को जब तक इस समस्याओं से बाहर नहीं निकालते तब तक स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा नहीं होगा। 

इसी के साथ में अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा।  जय हिंद... जय भारत 

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