Republic Day Speech : आज 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर दें देश की तरक्की पर बात करने वाला यह भाषण
Republic Day Speech : देश उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मना रहा है। कर्तव्यपथ पर शक्ति और संस्कृति की परेड हमारे सफल सफर की दास्तां सुनाने के साथ ही वतन पर कुर्बान होने वालों की याद भी दिलाती है।
Republic Day Speech : आज देश पूरे उल्लास के साथ 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। कर्तव्यपथ पर शक्ति और संस्कृति की परेड हमारे सफल सफर की दास्तां सुनाने के साथ ही वतन पर कुर्बान होने वालों की याद भी दिलाती है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। इस वजह से हर साल 26 जनवरी का दिन राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस देश की उपलब्धियों का उत्सव है। स्कूल व कॉलेजों में भी यह उत्सव मनाया जाता है। प्रतियोगिताएं होती हैं। अगर आप किसी भाषण या निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं तो आप नीचे दिए गए उदाहरण से आइडिया ले सकते हैं।
यहां देखें गणतंत्र दिवस भाषण , निबंध व स्पीच आइडिया -
आदरणीय मुख्य अतिथि/प्रधानाचार्य, मेरे अध्यापकगण और मेरे साथियों...
आज हम अपने देश का 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद जरूर हुआ था लेकिन हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 ही वह दिन था जब भारत पूर्ण गणतंत्र बना। इसी वजह से हर साल 26 जनवरी का दिन राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। यह वो दिन था जब से हम कहने लगे कि हम भारतवासियों का अपना संविधान व कानून है और हमें ब्रिटिश राज से पूरी तरह आजादी मिल गई है। यह संविधान ही है जो अलग अलग पंथों व विभन्न भाषाओं वाले भारत के नागरिकों के एक सूत्र में बांधे रखता है।
साथियो, विश्व मंच पर भारत ने आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र के तौर पर अपनी जगह बनाई है। पूरा देश अपनी विरासत पर गर्व कर रहा है। गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। विकसित भारत के निर्माण की बड़ी जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है। वर्तमान में सरकार के मनरेगा, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों से आज का युवा तेजी से आगे तरक्की कर रहा है। लेबर फोर्स के मामले में भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा ताकतवर देश है।
इस बार कर्तव्य पथ पर परेड देखने के लिए मजदूरों, सब्जी, दूध विक्रेताओं, रिक्शा चालक और छोटे उद्योग चलाने वालों को वरीयता दी गई है। यह दुनिया को संदेश है कि गण ही उसके तंत्र की ताकत है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके भारत का हर नागरिक देश को सशक्त और प्रगतिशील बनाने की दिशा में काम कर रहा है। भारतीय गणतंत्र में हर नागरिक की बड़ी भूमिका है। 64 फीसदी जीएसटी देश की गरीब आबादी की जेब से मिलता है। इसी तरह एक तिहाई जीएसटी 40 फीसदी मध्यम वर्गीय लोग देते हैं। तीन से चार फीसदी जीएसटी ही देश के 10 फीसदी धनकुबेरों की जेब से मिल पाता है। यानी गरीब भी देश की प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है।
अनुमान के मुताबिक वर्ष 2023 तक देश की अर्थव्यवस्था जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ देगी। दुनिया के संपन्न देशों से हथियार खरीदने की परंपरा अब टूट रही है। अब देश में ही हथियार बनने लगे हैं। वर्ष 2026 तक देश को उसकी पहली बुलेट ट्रेन भी मिलेगी। शिक्षा की बात करें तो यूजीसी ने देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की मंजूरी दी है। इतना ही नहीं वर्ष 2047 तक भारत तकनीक के क्षेत्र की दुनिया का एक बड़ा केंद्र बन सकता है।
आधिकारिक तौर पर 29 जनवरी को ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है। मैं उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को धन्यवाद देते हुए अपना भाषण समाप्त करना चाहता हूं, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया, ताकि हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में रह सकें।
धन्यवाद। जय हिन्द! भारत माता की जय! वंदेमातरम्!
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