Republic Day Speech : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर दें यह छोटा और सरल भाषण
Republic Day Speech: गणतंत्र दिवस पूरे देश में कार्यालयों, स्कूलों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों आदि में मनाया जाता है। स्कूल में वाद-विवाद, भाषण, निबंध प्रतियोगिता आदि जैसे समारोह भी आयोजित किए जाते हैं।
Republic Day Speech 2023 : आज 26 जनवरी को देश अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया। भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। इस वजह से हर साल 26 जनवरी का दिन राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारतीय संविधान का निर्माण डॉ बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा किया गया था, जिसमें 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। गणतंत्र दिवस पूरे देश में कार्यालयों, स्कूलों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों आदि में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल और कॉलेज में वाद-विवाद, भाषण, निबंध प्रतियोगिता आदि जैसे समारोह भी आयोजित किए जाते हैं।
यहां देखें गणतंत्र दिवस भाषण , निबंध व स्पीच आइडिया -
आदरणीय मुख्य अतिथि/प्रधानाचार्य, मेरे अध्यापकगण और मेरे साथियों...
आज हम अपने देश का 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद जरूर हुआ था लेकिन हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 ही वह दिन था जब भारत पूर्ण गणतंत्र बना। इसी वजह से हर साल 26 जनवरी का दिन राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। यह वो दिन था जब से हम कहने लगे कि हम भारतवासियों का अपना संविधान व कानून है और हमें ब्रिटिश राज से पूरी तरह आजादी मिल गई है।
साथियों यह संविधान ही है जो भारत के नागरिकों के एक सूत्र में बांधे रखता है इसलिए यह दिन हमारे लिए बेहद खास है। संविधान वह दस्तावेज है जो बताता है कि भारत सरकार कैसे काम करती है और इस देश नागरिकों के क्या अधिकार व कर्तव्य हैं। यह दिन भारत में राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है।
साथियों, वैसे तो हर साल गणतंत्र दिवस पर देश के हर राज्य में कई कार्यक्रम होते हैं लेकिन सबसे बड़ा कार्यक्रम दिल्ली के राजपथ पर होता है। राजपथ पर गणतंत्र दिवस की भव्य परेड निकलती है जिसमें हमारे देश की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिलती है। आधिकारिक तौर पर 29 जनवरी को ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है।
मैं उन महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को धन्यवाद देते हुए अपना भाषण समाप्त करना चाहता हूं, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया, ताकि हम एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में रह सकें। इसके साथ ही मुझे आप सबने मुझे अपने विचार रखने का अवसर दिया, इसके लिए आप सभी का एक बार फिर से धन्यवाद। जय हिन्द! भारत माता की जय! वंदेमातरम्!
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