बिहार में खाली हैं ITI की 1 लाख से ज्यादा सीटें, रेलवे भर्ती में वैकेंसी कम होना हो सकता है वजह
Bihar ITI : बिहार के छात्र अब आईटीआई में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इस कारण राज्य के निजी आईटीआई में मात्र 30 फीसदी सीटों पर ही नामांकन हो सका है। इस महीने की 30 तारीख तक नामांकन होना है।
बिहार के छात्र अब औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इस कारण राज्य के निजी आईटीआई में मात्र 30 फीसदी सीटों पर ही नामांकन हो सका है। इस महीने की 30 तारीख तक नामांकन होना है। नामांकन की मौजूदा गति को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य के निजी आईटीआई में एक लाख से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी।
श्रम संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में 1197 प्राइवेट और 150 सरकारी आईटीआई है। इसमें हर वर्ष 2 लाख 37 हजार 748 एवं 55 हजार 256 सीटों पर नामांकन हुआ करता है। प्राइवेट आईटीआई में मुख्य रूप से इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में 1 लाख 46 हजार 760 सीटें एवं फीटर ट्रेड में 75 हजार 380 सीटें हैं। इस वर्ष प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) भारत सरकार ने देश के सभी आईटीआई में सत्र 2022-24 में नामांकन लेने की अंतिम तारीख दूसरी बार बढ़ाते हुए 30 अक्तूबर 2022 तय की है। इस तिथि को समाप्त होने में अब लगभग तीन सप्ताह शेष हैं। सितम्बर से जारी नामांकन प्रक्रिया में अब तक 30 फीसदी सीटों पर ही नामांकन हो सका है। 70 फीसदी सीटों पर नामांकन होना बाकी है। शेष अवधि में बमुश्किल 20 फीसदी और सीटों पर नामांकन होने के आसार हैं। इस तरह अगर आधी सीटों पर भी नामांकन हो गए तो एक लाख से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी।
रेलवे की वैकेंसी लगभग समाप्त
आईटीआई पास करने के बाद सबसे अधिक रेलवे में छात्र नौकरी करते थे। पिछले कई वर्षों से रेलवे की ओर से आईटीआई के लिए उपयुक्त संख्या में बहाली नहीं की गई। इस कारण आईटीआई के प्रति छात्रों की दिलचस्पी कम होती जा रही है। इसके अलावा बिहार राज्य प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से आईटीआई की पढ़ाई से होने वाले लाभ एवं उनसे जुड़े रोजगार के अवसर का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है। इस कारण छात्र इससे होने वाले फायदे एवं रोजगार के अवसर से अनभिज्ञ हैं।
पिछले सत्र में देर से नामांकन एक वजह
कोरोना की वजह से सत्र 2021-23 में नामांकन की अंतिम तारीख को प्रशक्षिण महानिदेशालय ने 15 फ़रवरी 2022 तक बढ़ाया था। बिहार में राज्य सरकार का पोर्टल नहीं होने के कारण अप्रैल तक नामांकन का सिलसिला जारी रहा। यानी मौजूदा सत्र 2022-24 के लिए मात्र चार महीने ही समय बचा है। जिन छात्रों को नामांकन लेना था, उन्होंने अप्रैल के पहले ही ले लिया। हालांकि अप्रैल तक नामांकन जारी रहने के बावजूद राज्य के आईटीआई में 20 फीसदी से अधिक सीटें खाली रह गयी थीं। इस वर्ष तो पिछले वर्ष से भी कम छात्र नामांकन लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
संघ ने कहा
बिहार प्रशिक्षण निदेशालय को चाहिए कि वह सार्वजनिक माध्यमों से आईटीआई के बारे में प्रचार-प्रसार करे। छात्रों को इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया जाए, ताकि अधिक से अधिक छात्र इस फील्ड में कॅरियर बना सकें।
- दीपक कुमार, महासचिव, बिहार राज्य प्रगतिशील संघ।
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