PRSU Admission 2024: रज्जू भय्या विश्वविद्यालय में में अब चार वर्षीय स्नातक की होगी पढ़ाई
पीआरएसयू प्रयागराज ने रज्जू भय्या विश्वविद्यालय में स्नातक दाखिले और पीएचडी दाखिले में कई बदलाव किए हैं। विश्वविद्यालय ने स्नातक के बाद पीएचडी करने का मन बना रहे छात्रों को अच्छी खबर दी है। साथ ही 5 व
प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे अथवा नए सत्र में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। विश्वविद्यालय कैंपस एवं मंडल के संबद्ध 703 कॉलेजों में नए सत्र से स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। एक वर्ष और यानी पांच साल की पढ़ाई करने पर छात्रों को परास्नातक की डिग्री मिलेगी। चार वर्षीय स्नातक करने वाले विद्यार्थी पीएचडी के लिए अर्ह होंगे लेकिन उन्हें शोध के दौरान एक वर्ष का कोर्स वर्क अनिवार्य रूप से करना होगा। मल्टीपल एक्जिट और मल्टीपल इंट्री का विकल्प मिलेगा। अब छात्र जितने साल की पढ़ाई करेंगे उतनी डिग्री मिलेगी।
कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम की पढ़ाई पूर्ण करने पर सर्टिफिकेट, दो वर्ष पर डिप्लोमा, तीन वर्ष पर स्नातक और अब चार वर्ष पर शोध सहित ऑनर्स स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी। वहीं, एक साल की और पढ़ाई करने पर परास्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी। चतुर्थ वर्ष के द्वितीय सेमेस्टर में एक लघु शोध परियोजना का भी प्रावधान हैं। जबकि पांचवें वर्ष का अंतिम सेमेस्टर पूर्ण रूप से शोध कार्य (शोध-प्रबंध) के लिए समर्पित है। विद्यार्थी स्नातक में एक बार प्रवेश लेने के पश्चात सीधे परास्नातक तक की उपाधि प्राप्त कर सकता है।
सीधे चौथे साल में प्रमोट किए जाएंगे
राज्य विश्वविद्यालय परिसर तथा सम्बद्ध कॉलेजों में वर्तमान में पंजीकृत बीए, बीकॉम एवं बीएससी के जिन छात्रों ने तीन साल की पढ़ाई पूरी कर ली है। वह अब सीधे चौथे साल में प्रमोट कर दिए जाएंगे। ये विद्यार्थी चार वर्ष का स्नातक पूर्ण करने के पश्चात एक वर्ष का परास्नातक पाठ्यक्रम भी कर सकेंगे। यूजीसी की ओर से चार वर्ष के स्नातक विद्यार्थियों को सीधे नेट परीक्षा में सम्मिलित होने और पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की सुविधा प्रदान की गई है।
पीजी में लेटरल इंट्री माध्यम से मिलेगा प्रवेश
कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि सभी महाविद्यालय अपने यहां पंजीकृत विद्यार्थियों को चतुर्थ वर्ष में प्रमोट होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके साथ ही दो वर्ष के परास्नातक पाठ्यक्रमों में भी लेटरल इंट्री के माध्यम से प्रवेश होंगे। यदि ऐसे विद्यार्थी एक वर्ष पूर्ण करने के पश्चात बहु निकास की सुविधा लेते हैं तो उन्हें एक वर्ष का परास्नातक डिप्लोमा प्रदान किया जायेगा। दो वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर ही परास्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी।
खास बातें:
● तीन वर्षीय स्नातक, चार वर्षीय शोध सहित ऑनर्स स्नातक एवं एक वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम।
● दो वर्षीय परास्नातक के लिए लेटरल इंट्री का प्रावधान।
● चतुर्थ एवं पंचम वर्ष शोध एवं अनुसंधान पर केंद्रित।
● कौशल विकास, उद्यमशीलता आधारित पाठ्यक्रम।
● समर इंटर्नशिप में सामुदायिक अनुसंधान पर जोर।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।