Hindi Newsकरियर न्यूज़Previously selected candidates will not be out of selection in UPHESC Assistant Professor Recruitment: High Court

UPHESC सहायक प्रोफेसर भर्ती में चयन से बाहर नहीं होंगे पूर्व में चयनित अभ्यर्थी: हाईकोर्ट

UPHESC Recruitment 2023 : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर भर्ती की पुनरीक्षित चयन सूची से बाहर हुए 18 अभ्यर्थियों को सेवा से निकाला नहीं जाएगा। हाईकोर्ट ने इन्हें पदों पर काम करने और वेत

Alakha Ram Singh विधि संवाददाता, प्रयागराजFri, 21 April 2023 11:03 PM
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UPHESC Recruitment 2023 : उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग द्वारा सहायक प्रोफेसर भर्ती की पुनरीक्षित चयन सूची से बाहर हुए 18 अभ्यर्थियों को सेवा से निकाला नहीं जाएगा। हाईकोर्ट ने इन्हें पदों पर काम करने और वेतन देने का निर्देश दिया है। साथ ही पुनरीक्षित चयन सूची में शामिल किए गए 18 नए अभ्यर्थियों को भी चार सप्ताह के भीतर नियुक्ति देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह कहा है कि सभी चयनित अभ्यर्थियों को उनकी मेरिट के हिसाब से चयन सूची में रखा जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार एवं न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने आकांक्षा यादव व अन्य 18 चयनित अभ्यर्थियों की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए दिया है। 

विशेष अपील दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों का कहना था कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में सफल होने के बाद उन्हें विभिन्न महाविद्यालयों में नियुक्ति दे दी गई। इसके बाद कुछ अचयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर ओएमआर शीट के मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायत की। आयोग ने भी स्वीकार करते हुए कहा कि ओएमआर शीट के मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है, जिसे जल्द ही सुधार दिया जाएगा। कोर्ट ने आयोग के इस आश्वासन पर याचिका निस्तारित कर दी। आयोग ने ओएमआर शीट की गड़बड़ी सुधारने के बाद नई चयन सूची जारी की, जिसमें पूर्व की चयन सूची में शामिल 18 अभ्यर्थी बाहर हो गए और 18 नए अभ्यर्थी शामिल कर लिए गए।

पूर्व में चयनित एवं नियुक्ति पा चुके अभ्यर्थियों ने इसे लेकर हाईकोर्ट में यह विशेष अपील दाखिल की। उनका कहना था कि किसी भी स्तर पर याचिका में न तो उन्हें पक्षकार बनाया गया और न ही आयोग ने उनका पक्ष सुना। उन्हें आशंका है कि नई चयन सूची जारी होने के बाद उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा। ओएमआर शीट के मूल्यांकन को लेकर भी सवाल उठाए गए। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई न्यायिक निर्णयों की नजीर पेश करते हुए कहा गया कि चयनित हो चुके अभ्यर्थियों को सेवा से हटाया नहीं जा सकता है।

खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि पूर्व में चयनित अभ्यर्थी अपने पदों पर काम करते रहेंगे और उन्हें वेतन दिया जाए। साथ ही नए चयनित अभ्यर्थियों को भी चार सप्ताह में नियुक्तियां दी जाएं। कोर्ट ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को चयन सूची में उनकी मेरिट के हिसाब से स्थान देने का निर्देश दिया है।

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