तैयारी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शुरू होगा हिंदू स्टडीज में डिप्लोमा, छात्र पढ़ेंगे भारतीय संस्कृति
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अगले सत्र से हिंदू स्टडीज में डिप्लोमा व अन्य कोर्सेज चलाए जाएंगे। पिछले दिनों हुई विद्यापरिषद में इसे स्वीकृति मिलने के बाद विशेषज्ञों की समिति पाठ्यक्रम तैयार करने...
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अगले सत्र से हिंदू स्टडीज में डिप्लोमा व अन्य कोर्सेज चलाए जाएंगे। पिछले दिनों हुई विद्यापरिषद में इसे स्वीकृति मिलने के बाद विशेषज्ञों की समिति पाठ्यक्रम तैयार करने पर मंथन कर रही है। इससे पहले वाराणसी में बीएचयू में इस कोर्स की शुरुआत हो चुकी है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी इसे शुरू करने की तैयारी है।
हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम के मूल तत्व सनातन धर्म ही नहीं बल्कि इससे जुड़े सिख, बौद्ध, जैन धर्मों का प्राचीन भारत में इतिहास और इनका सतत विकास होगा। पाठ्यक्रम में इन धर्मों के दर्शन, कर्मकांड और मौजूदा जरूरतों के मुताबिक इन्हें रोजगारपकर बनाए जाने पर भी विमर्श चल रहा है। तत्वज्ञान, धर्म, रामायण-महाभारत के साथ इस विषय में संस्कृत और विदेशों में हिंदू धर्म के प्रति उत्सुकता और इसके कारणों को भी पढ़ाया जाएगा।
प्राचीन भारत की सैन्य विधियां, सैन्य विज्ञान और इसमें महिलाओं की भागीदारी भी एक तत्व होगा। इसके साथ ही सिंधु घाटी से निकली सभ्यता के विकास के विविध क्रम भी पढ़ाए जाएंगे। खास यह भी कि ऑक्सफोर्ड जैसे विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदू स्टडीज के लिए बाकायदा केंद्र स्थापित हैं जहां योग और संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। जबकि भारत के विश्वविद्यालयों में अब इसकी मांग शुरू हुई है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शोध कार्य निदेशक प्रो. निरंजन सहाय ने बताया कि पाठ्यक्रम को नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार किया जाएगा। विद्या परिषद से अनुमोदित होने के बाद इसे अगले सत्र से लागू कर दिया जाएगा। पाठ्यक्रम में रोजगार के अवसरों को शामिल करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
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