बिहार के मध्य विद्यालयों में पोस्ट ग्रेजुएट TGT शिक्षक बनेंगे प्रधानाध्यापक
बिहार के मध्य विद्यालय में पदस्थापित स्नातकोत्तर योग्यताधारी TGT अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक के पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य कर सकेंगे। स्नातकोत्तर योग्यताधारी स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक अनुपलब
बिहार के मध्य विद्यालय में पदस्थापित स्नातकोत्तर योग्यताधारी स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक अपने ही वेतनमान में प्रधानाध्यापक के पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य कर सकेंगे। स्नातकोत्तर योग्यताधारी स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षक की अनुपलब्धता रहने पर स्नातक (प्रशिक्षित) प्रधानाध्यापक बनेंगे। इसको लेकर मंगलवार को शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया है।
विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर पदस्थापन की प्रक्रिया दस सितंबर और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के रिक्त होने वाले पदों पर 20 सितंबर तक पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। तय समय-सीमा में इसका अनुपालन हर जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किया जाना है। पदस्थापन में दिव्यांग एवं महिला शिक्षकों को प्राथमिकता मिलेगी। विभाग ने जारी पत्र में कहा है कि राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालयों में जिला संवर्ग में तीन कोटि के पद होते हैं। इसमें मूल कोटि, स्नातक (प्रशिक्षित) कोटि एवं मध्य (मिडिल) विद्यालय के प्रधानाध्यापक कोटि के पद हैं। मूल कोटि के पद पर सीधी नियुक्ति का प्रावधान था।
मध्य विद्यालयों में स्नातक (प्रशिक्षित) कोटि एवं प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के माध्यम से नियुक्ति का प्रावधान बिहार राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय (स्थानांतरण, प्रोन्नति एवं अनुशासनिक कार्रवाई) नियमावली, 2018 में है। लेकिन, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश की वजह से अप्रैल, 2019 से जिला शिक्षा स्थापना समिति, जो प्रोन्नति देने के लिए सक्षम है, की बैठक नहीं हो रही है। इसके चलते मध्य विद्यालयों में स्नातक (प्रशिक्षित) कोटि एवं प्रधानाध्यापक का पद बड़ी संख्या में रिक्त है। इससे विद्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की भी कमी रहती है।
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