Hindi Newsकरियर न्यूज़Polytechnic Exam 2023: Evaluation supervisor system also proved to be a failure

पॉलीटेक्निक परीक्षा 2023: मूल्यांकन पर्यवेक्षक व्यवस्था भी फेल साबित

पॉलीटेक्निक परीक्षा और मूल्यांकन के लिए पहली बार सख्त कदम उठाए गए। व्यवस्था में बदलाव कर प्राविधिक शिक्षा परिषद ने राजकीय, अनुदानित संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया। मूल्यांकन की निगरानी के लिए पह

Alakha Ram Singh कार्यालय संवाददाता, लखनऊSun, 10 Sep 2023 09:07 AM
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पॉलीटेक्निक परीक्षा और मूल्यांकन के लिए पहली बार सख्त कदम उठाए गए। व्यवस्था में बदलाव कर प्राविधिक शिक्षा परिषद ने राजकीय, अनुदानित संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया। मूल्यांकन की निगरानी के लिए पहली बार पर्यवेक्षक और अपर मुख्य नियंत्रक तैनात किए। बोर्ड ने परीक्षाएं तो ठीक से करा ली लेकिन मूल्यांकन में पैसा मांगने का वीडियो वायरल होने के बाद सवाल उठने लगे। मूल्यांकन पर्यवेक्षक की व्यवस्था फेल हो गई।

सम सेमेस्टर की परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद ने 29 मूल्यांकन केन्द्र बनाए थे। जहां दस से लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं को जांचा जाना था। केन्द्र की जिम्मेदारी अपर मुख्य नियंत्रक की रहती है लेकिन इस बार सम सेमेस्टर परीक्षा के मूल्यांकन केन्द्रों पर बोर्ड ने अतिरिक्त निगरानी के लिए पहली बार पर्यवेक्षक की तैनाती की गई। मूल्यांकन केन्द्र पर मोबाइल प्रतिबंधित था। शुचिता भंग न हो इसीलिए पर्यवेक्षकों की मुख्य जिम्मेदारी केन्द्र में परीक्षकों को फोन ले जाने से रोकने की थी। यहां पर्यवेक्षक फेल रहे, जिसका खामियाजा हुआ कि परीक्षक ने केन्द्र से ही वीडियो कॉल कर छात्र को उत्तर पुस्तिका दिखा दी और नम्बर बढ़ाने के लिए रिश्वत मांग ली। इस मामले को बोर्ड ने बेहद गंभीरता से लिया है। हिन्दुस्तान के खुलासे के बाद आरोपी शिक्षक को न सिर्फ बोर्ड ने ढूंढ निकाला बल्कि केस भी दर्ज कराया। सूत्रों की माने तो अभी दो लोगों पर और कार्रवाई हो सकती है। आरोपी पर एफआईआर पर कराने के बोर्ड ने राजकीय पॉलीटेक्निक बिजनौर के अपर मुख्य नियंत्रक-प्रधानाचार्य और पहली बार तैनात किए गए पर्यवेक्षक को नोटिस दिया था। इन दोनो के नोटिस के जवाब के बाद इन पर कार्यवाही हो सकती है।

पहले भी पास करने के लिए मांगे जा चुके हैं रुपये
पॉलीटेक्निक की पिछले वर्ष सम सेमेस्टर परीक्षा जून-2022 में कई आडियो वायरल हुए थे। इसमें छात्रों को पास कराने के लिए 1500 से 3000 रुपए तक की मांग की गई थी। तत्कालीन परिषद सचिव एफआर खान ने केस के निर्देश दिए थे लेकिन जांच ठण्डे बस्ते में चली गई। वर्ष 2023 में जारी नम्बर बढ़ाने के लिए न सिर्फ वीडियो कॉल पर परीक्षक ने बात की बल्कि उत्तर पुस्तिका भी दिखा दी। इसे बोर्ड ने गंभीरता से लिया और परीक्षक पर केस कर गिरफ्तारी भी हुई।

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