संस्कृत विद्यालयों व मदरसों को दोगुने अनुदान का रास्ता साफ
झारखंड के 33 संस्कृत विद्यालयों और 43 मदरसों को दोगुने अनुदान का रास्ता साफ हो गया है। दोगुना अनुदान के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री और उसके बाद वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। अब उसे कैबिनेट की मंजू
झारखंड के 33 संस्कृत विद्यालयों और 43 मदरसों को दोगुने अनुदान का रास्ता साफ हो गया है। दोगुना अनुदान के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री और उसके बाद वित्त विभाग ने अपनी सहमति दे दी है। अब उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी की जा रही है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद दोगुना अनुदान दिये जाने का संकल्प जारी हो जाएगा और इसका लाभ संबंधित संस्थानों को मिल सकेगा। संस्कृत विद्यालयों व मदरसा को 2015 से दोगुना अनुदान नहीं मिला है। 2015 नियमावली में स्पष्ट था कि जो संस्थान इस नियमावली के मानक को पूरा करेगा, उन्हें दोगुना अनुदान का लाभ मिलेगा, लेकिन दोगुना अनुदान के स्लैब नहीं होने के कारण संस्कृत व मदरसा विद्यालय को 2004 अनुदान नियमावली के अनुसार अनुदान मिलता था। वित्त रहित मोर्चा 2015 से ही संस्कृत विद्यालयों और मदरसों के दोगुना अनुदान के लिए संघर्ष कर रहा था। यह मामला विधानसभा में उठा। शिक्षा मंत्री ने दोगुना अनुदान देने का आश्वासन दिया था। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से ही दोगुना अनुदान देने का निर्णय लिया है। इससे 1000 से ज्यादा संस्कृत स्कूलों व मदरसा के शिक्षकों को दोगुना अनुदान का लाभ मिलेगा। झारखंड वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इसके लिए सरकार का आभार जताया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।