Hindi Newsकरियर न्यूज़patna : child helpline number 1098 will be written on all patna government and private schools

पटना के स्कूलों की दीवारों पर लिखा रहेगा 1098 नंबर, जानें क्यों

स्कूल परिसर में बच्चों के साथ उत्पीड़न और शोषण करने वाले की शिकायत अब सीधे बच्चे खुद कर पायेंगे। किसी तरह की परेशानी हो तो अब बच्चे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संपर्क कर पायेंगे। स्कूली बच्चों को...

Pankaj Vijay वरीय संवाददाता , पटनाThu, 7 Nov 2019 12:47 PM
share Share

स्कूल परिसर में बच्चों के साथ उत्पीड़न और शोषण करने वाले की शिकायत अब सीधे बच्चे खुद कर पायेंगे। किसी तरह की परेशानी हो तो अब बच्चे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संपर्क कर पायेंगे। स्कूली बच्चों को सुरक्षा मिले, इसके लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल के नोटिस बोर्ड और  दीवारों पर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 लिखा जायेगा। यह नंबर स्कूली बच्चों की मदद के लिए लिखा जायेगा। जिससे स्कूली बच्चों को किसी तरह की परेशानी हो तो वो तुरंत इस नंबर पर शिकायत दर्ज कर पायेंगे।

पटना जिला शिक्षा कार्यालय ने तमाम स्कूलों को पत्र जारी कर दिया है। सभी स्कूलों को नवंबर में यह काम पूरा कर लेना है। स्कूल के हर प्रमुख स्थल पर चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर डाला जायेगा। ज्ञात हो कि आए दिन स्कूल में बच्चों के साथ शोषण की घटना होती है। स्कूल प्रशासन के द्वारा बच्चों को स्कूल से निकाले जाने की घमकी के कारण अभिभावक कुछ नहीं बोल पाते हैं। अभिभावकों के उपर स्कूल का बहुत दबाव रहता हैं। 

- मानसिक तनाव में रहते स्कूली बच्चे 
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत बच्चे को मारने या प्रताड़ित नहीं करना है। लेकिन अधिकतर स्कूलों में मानसिक तौर पर बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है। इसके अलावा कई बार बच्चे अपने परिवारिक कारणों से भी शोषित रहते हैं। इसका असर बच्चों के पढ़ाई पर होता हैं। पटना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि आये दिन मानसिक दबाव से बच्चे परेशान रहते हैं। 
 
- स्कूल भी कर सकेगा नंबर इस्तेमाल
इस नंबर का इस्तेमाल स्कूल प्रशासन भी कर सकेंगे। अगर किसी छात्र के साथ कुछ गलत हो रहा हो तो स्कूल भी इसकी जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को दे सकता हैं। 

इस तरह की शिकायत कर सकेंगे दर्ज : 
- स्कूल में या घर में उत्पीड़न हो रहा हो 
- स्कूल में किसी टीचर द्वारा या स्कूल प्रशासन द्वारा शोषण किया जा रहा हो 
- स्कूल में बच्चों की सुरक्षा संबंधित कमियां हो 
- किसी बच्चे का अपहरण हो गया हो 
- किसी बच्चे का बाल विवाह हो रहा हो 

संजय सिंह (राज्य परियोजना निदेशक) ने कहा- बच्चों की सुरक्षा के लिए यह नंबर लागू किया गया है। लेकिन इसका इस्तेमाल बच्चे नहीं करते, क्योंकि उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। बच्चे अपने अधिकार के प्रति संवेदनशील हों, इसके लिए हर स्कूल के दीवारों पर यह नंबर लिखा जायेगा। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें