डिप्लोमा कोर्स कर चुके पैरामेडिकल टेक्नीशियनों का हर पांच साल में रिन्यू होगा रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड में अब फिजियोथेरेपिस्ट, ऑप्टोमैट्री, एक्सरे, लैब, डेंटल एवं ओटी टेक्नीशियन का पांच साल में रिन्यू पंजीकरण ही वैध माना जाएगा। अस्पतालों और लैब के डिप्लोमा टेक्नीशियनों पर यह नियम लागू होगा।
उत्तराखंड के सरकारी, प्राइवेट अस्पतालों और निजी लैब में कार्यरत डिप्लोमा टेक्नीशियनों को हर पांच साल में अपना पंजीकरण रिन्यू कराना होगा। स्टेट मेडिकल फैकल्टी की ओर से इस संदर्भ में निर्देश जारी किए गए हैं। उत्तराखंड के कॉलेजों से पास आउट ऐसे पैरामेडिकल छात्र, जिन्होंने डिप्लोमा कोर्स किए हैं, उन्हें स्टेट मेडिकल फैकल्टी में पंजीकरण करना होता है। पहले एक बार पंजीकरण होता था, लेकिन 2018 में नियम में बदलाव हुआ। इसके बावजूद बड़ी संख्या में टेक्नीशियन पंजीकरण रिन्यू नहीं करा रहे हैं।
स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ. राजन अरोड़ा ने बताया कि सभी डिप्लोमा टेक्नीशियन को पांच सालों के बाद पंजीकरण रिन्यू कराना अनिवार्य है। यूपी से ट्रांसफर हुए टेक्नीशियनों के लिए भी यह अनिवार्य है। राज्य में एक हजार के करीब टेक्नीशियन इस समय पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या में टेक्नीशियनों का अभी पंजीकरण ही नहीं है।
ये आएंगे दायरे में
फिजियोथेरेपिस्ट, ऑप्टोमैट्री, एक्सरे, लैब, कार्डियोलॉजी, डेंटल एवं ओटी टेक्नीशियन का पांच साल में रिन्यू पंजीकरण ही वैध माना जाएगा।
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