आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी देनी होगी न्यूनतम मजदूरी, ओवरटाइम का मिलेगा दोगुना पैसा
श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी विभागों को पत्र लिखकर श्रम कानूनों को पालन करने का आदेश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी न्यूनतम मजदूरी के साथ ओवरटाइम का दोगुना प
Private Workers Salary: आटउसोर्सिंग पर कार्य लेने वाले एजेंसी/संवेदकों के साथ ही कार्य देने वाले नियोजकों को श्रम कानूनों का पालन करना होगा। अगर कामगारों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलती है तो ऐसे नियोजकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस बाबत श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी राजेन्दर ने सभी विभागों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर श्रम कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
पत्र में कहा गया है कि सरकार के कई विभागों, समितियों, बोर्ड व आयोग द्वारा बड़ी संख्या में आउटसोर्सिंग एजेंसी/संवेदकों के माध्यम से श्रमिकों से कार्य लिया जा रहा है। विभिन्न श्रम संगठनों की ओर से बार-बार ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है कि इन एजेंसियों की ओर से श्रम कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है। प्रधान नियोजकों की ओर से निगरानी भी नहीं की जा रही है। सभी विभागों को सचेत किया जा रहा है कि वे न्यूनतम मजदूरी का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। श्रम संसाधन विभाग की ओर से हर साल एक अप्रैल व एक अक्टूबर को नई मजदूरी दर तय की जाती है। उसी के अनुसार श्रमिकों को मजदूरी दर मिले, यह जरूरी है। अगर कोई एजेंसी नयूनतम मजदूरी दर से कम का कोटेशन दे तो उसे अमान्य कर दिया जाए।
श्रमिक से एक दिन में ओवरटाइम को छोड़कर अधिकतम नौ घंटे कार्य लिया जा सकता है। इसमें एक घंटे का विश्राम अंतराल भी शामिल है। कार्य की अधिकता होने पर दो घंटे काम लिया जा सकता है लेकिन उसके बदले श्रमिक को ओवरटाइम का भुगतान करना होगा। विश्राम अंतराल को लेकर किसी श्रमिक से अधिकतम 12 घंटे का कार्य लिया जा सकता है। तीन महीने में अधिकतम 50 घंटे का ओवरटाइम लिया जा सकता है। ओवरटाइम की मजदूरी दर सामान्य से दोगुनी होगी।
ईपीएफ और ईएसआई का लाभ देना जरूरी
आटउसोर्सिंग पर कार्यरत सभी कर्मियों को ईएसआई या ईपीएफ का लाभ दिया जाना जरूरी है। कार्य देने के पहले संवेदकों को श्रम संसाधन विभाग में पंजीकरण कराना होगा। प्रधान नियोजक से कार्यादेश मिलने पर संवेदकों को प्रत्येक कार्य के लिए लाईसेंस लेना होगा। नियोजकों को ससमय मजदूरी भुगतान करना होगा। मजदूरी भुगतान के समय प्रधान नियोजक के प्रतिनिधि का होना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर ठेकेदार से राशि वसूली की जाएगी। मानव बल के मासिक पारिश्रमिक भुगतान का साक्ष्य अगले माह के विपत्र के साथ उपलब्ध कराना होगा। एजेंसी को जीएसटी भुगतान करना होगा। कामगार की ओर से ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान दिया जाना है। इसके लिए उनके वेतन से कटौती की जाएगी लेकिन नियोजक अपना हिस्सा कामगारों के वेतन से कटौती नहीं करेगा। बोनस का भुगतान नियोजकों को ही करना होगा।
यह है न्यूनतम मजदूरी दर
कोटि अभी है लागू
अकुशल 395 रुपए रोजाना
अर्धकुशल 411 रुपए रोजाना
कुशल 500 रुपए रोजाना
अतिकुशल 611 रुपए रोजाना
लिपिकीय 11317 रुपए मासिक
ओवरटाइम छोड़कर आठ घंटे काम ले सकेंगे
श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने सभी विभागों को पत्र लिखकर श्रम कानूनों को पालन करने का आदेश जारी किया है। विभाग ने कहा है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भी न्यूनतम मजदूरी के साथ ओवरटाइम का दोगुना पैसा दिया जाए।
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