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नियोजित शिक्षक व लाइब्रेरियन भर्ती फर्जीवाड़ा: 72000 शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले, 100 से ज्यादा FIR दर्ज

बिहार में नियोजित शिक्षक और लाइब्रेरियन बहाली में हुए फर्जीवाड़े की जांच कई सालों से चज रही है। इसके बावजूद अभी 72 हजार शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले। मामले में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग जिलों में एफआई

Alakha Ram Singh हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाMon, 22 Jan 2024 01:45 AM
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राज्य में नियोजित शिक्षकों और लाइब्रेरियन की बहाली में हुए फर्जीवाड़ा की जांच पिछले 9 वर्षों से चल रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद निगरानी ब्यूरो को यह मामला 2015 में सौंपी गई थी। इतने लंबे समय से चल रही इस जांच में अब तक 72 हजार 168 शिक्षकों के फोल्डर निगरानी ब्यूरो को अब तक प्राप्त ही नहीं हुए हैं। इस मामले की जांच को जल्द पूरी करने के लिए निगरानी ब्यूरो के स्तर पर कवायद तेज हो गई है। परंतु अब तक इतनी संख्या में शिक्षकों के फोल्डर शिक्षा विभाग या नियोजन निकायों से प्राप्त नहीं होने की वजह से जांच में समस्या आ रही है। अब तक हुई जांच में निगरानी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर बहाल शिक्षकों के मामले में 1380 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 2585 को अभियुक्त बनाया गया है। इन अभियुक्तों में कई नियोजन इकाईयों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी के अलावा मुखिया समेत अन्य स्तर के जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं। 

शिक्षा विभाग के स्तर पर शिक्षकों के लापता फोल्डरों को निगरानी को मुहैया कराने के लिए कई स्तर पर जिला से लेकर अन्य स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। नियोजित शिक्षकों के फोल्डर को ऑनलाइन अपलोड करने की व्यवस्था भी की गई है। बावजूद तमाम कवायदों के बाद भी अब भी साढ़े 72 हजार फोल्डर लापता हैं। सबसे ज्यादा प्रारंभिक स्कूल में 71 हजार 630 शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिले हैं। सभी जिलों से डीपीओ के स्तर से 3 लाख 52 हजार 927 शिक्षकों के मामले में 2 लाख 80 हजार 759 फोल्डर जांच के लिए निगरानी को सौंपी गई थी। इसमें 8 लाख 30 हजार 582 सर्टिफिकेटों की जांच की गई है। इसमें 5 लाख 91 हजार 934 सर्टिफिकेट सही पाए गए और 2 लाख 38 हजार 648 सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के लिए लंबीत पड़े हैं। 2185 सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं।

इन जिलों में हुई सबसे ज्यादा एफआईआर
दर्ज की गई एफआईआर में सबसे ज्यादा मधुबनी में 103 एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 112 अभियुक्त बनाए गए हैं। इसके अलावा पूर्णिया में 85, नालंदा में 79, गया में 71, सीतामढ़ी एवं गोपालगंज में 60, जमुई में 59, जहानाबाद में 48, सारण एवं मुंगेर में 44, पटना में 40, बेगूसराय में 46, बांका एवं अरवल में 47, दरभंगा में 39, भोजपुर में 36, बक्सर एवं मुजफ्फरपुर में 35, समस्तीपुर में 38, रोहतास में 36 एफआईआर दर्ज की गई है। 

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