नई शिक्षा नीति: UPRTOU के 31 पाठ्यक्रमों के दाखिले में विलंब के आसार
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत तैयार स्नातक-परास्नातक के 31 कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने में विलंब के आसार हैं। पाठ्यक्रमों के संचालन को मान्यता न
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत तैयार स्नातक-परास्नातक के 31 कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने में विलंब के आसार हैं। पाठ्यक्रमों के संचालन को मान्यता नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव यूजीसी को भेजा गया है लेकिन अभी कोई जवाब विश्वविद्यालय को नहीं मिला है। इसके चलते मुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं कर पा रहा है। सूत्रों की मानें तो यूजीसी ने कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। यह जानकारी दे दी गई है। जून अंतिम सप्ताह तक अनुमति मिलने की स्थिति में जुलाई में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
नई शिक्षा नीति-2020 और यूजीसी-ओडीएल एंड ऑनलाइन रेगुलेशन-2020 में समरूपता नहीं होने की वजह से मुक्त विश्वविद्यालय ने एक वर्षीय 27 पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम पर इस सत्र में प्रवेश नहीं लेने का निर्णय लिया है। वहीं नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए स्नातक-परास्नातक के 31 कार्यक्रमों को मंजूरी के लिए यूजीसी भेजा था। मुक्त विश्वविद्यालयों को हर पांच वर्ष में पाठ्यक्रमों की मान्यता का नवीनीकरण कराना होता है। पिछली बार 2018 में नवीनीकरण हुआ था। इसके बाद 2023 में हो रहा है। यह सभी 31 पाठ्यक्रम पांच वर्ष के हैं। इसमें प्रथम वर्ष में प्रमाणपत्र, दूसरे वर्ष में डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में डिग्री, चौथे वर्ष में डिग्री रिसर्च और पांचवें वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर परास्नातक की उपाधि मिल जाएगी।
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