नई शिक्षा नीति : DU से एक साथ लें दो डिग्री, कॉलेज से रेगुलर के साथ SOL से करें डिस्टेंस में पढ़ाई
डीयू में एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने के प्रावधान के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है। एक डिग्री डीयू के कॉलेज से रेगुलर मोड से ली जा सकती है तो दूसरी डीयू एसओएल के डिस्टेंस मोड से ली जा सकती है।
डीयू में विद्वत परिषद की बैठक के दौरान एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने के प्रावधान के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया। इसके तहत एक डिग्री विश्वविद्यालय के कॉलेजों या विभागों में नियमित मोड में तथा दूसरी डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग द्वारा डिस्टेंस लर्निंग मोड में की जा सकती है। एक साथ दो कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों में विभिन्न नियम और शर्तें शामिल होंगी जो इस निर्णय को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक हैं। नई शिक्षा नीति के तहत इस प्रावधान को शामिल करने की बात कही थी। डीयू इसे अभी सीमित तौर पर लागू कर रहा है, लेकिन धीरे धीरे इसके फीडबैक आने पर इसका विस्तार करेगा।
संस्कृत विश्वविद्यालयों की डिग्रियों को मिलेगी समकक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा प्रस्तावित किसी भी क्षेत्र या विशेषज्ञता के अनुरूप केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री लाल बहादुर शास्त्रत्त्ी राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय आदि द्वारा प्रदान की गई डिग्रियों को अनुसंधान और रोजगार के उद्देश्य से दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की गई डिग्री के समकक्ष मानने पर भी बैठक के दौरान विचार किया गया। इसके तहत शास्त्री को बी.ए. सम्मानित शास्त्री को बीए. (ऑनर्स या चतुर्थ वर्ष स्नातक), आचार्य को एम.ए. शिक्षा शास्त्री को बी.एड, शिक्षा आचार्य को एम.एड., विद्या वारिधि को पीएचडी और वाचस्पति को डी.लिट. के समकक्ष माने को भी अनुमोदित कर दिया गया। संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा इन शोध पत्रों में दी जाने वाली आचार्य डिग्री को दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत के परास्नातक कार्यक्रम के समतुल्य माना जाएगा। इसी प्रकार, संस्कृत विश्वविद्यालयों द्वारा ज्योतिष शास्त्रत्त् और वास्तु शास्त्रत्त् में दी जाने वाली आचार्य डिग्री को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एमए में ज्योतिष शास्त्रत्त् के समतुल्य माना जाएगा।
वद्वत परिषद की बैठक में दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सभी कॉलेजों को 31 जुलाई 2024 तक रिक्तियों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने बारे कहा जाएगा।
आंबेडकर पीठ स्थापित की जाएगी
कुलपति ने कहा कि यूजीसी को आंबेडकर पीठ स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलते ही डॉ. बीआर आंबेडकर चेयर स्थापित कर दी जाएगी। आंबेडकर पीठ के तहत आंबेडकर के विषय में शोध और जानकारी हो सकेगी। प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि डीयू में पहली बार यूजी लेवल पर रूसी प्रोग्राम शामिल किया गया है।
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