नई शिक्षा नीति 2020: 5वीं तक मातृभाषा में पढ़ाई पर एचआरडी मंत्री निशंक ने कहा, इंग्लिश भाषा के विरोध में नहीं
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई के प्रावधान को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियल निशंक ने सोमवार को कहा कि हम लोग इंग्लिश भाषा के विरोध में नहीं...
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पांचवीं कक्षा तक मातृभाषा में पढ़ाई के प्रावधान को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियल निशंक ने सोमवार को कहा कि हम लोग इंग्लिश भाषा के विरोध में नहीं हैं लेकिन हम भारतीय भाषाओं को मजबूत बनाना चाहते हैं। ऐस लोग जिन्हें शिक्षा का माध्यम मातृभाषा को बनाए जाने पर संशय है तो वह उन शीर्ष विकसित देशों की तरफ देख सकते हैं जिन्हें इस कदम से बड़ी सफलता मिली है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार कम से कम पांचवीं कक्षा तक लेकिन यथासंभव आठवीं कक्षा या उसके बाद भी शिक्षा का माध्यम मातृभाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा होगी।
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (हेल्थ व एजुकेशन) वेबिनार में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस नीति को 99 फीसदी लोगों का समर्थन मिला है। शीर्ष विकसित देशों ने बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाकर उन्नति के शिखर को चूमा है। अंग्रेजी का विरोध नहीं है, वह एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी। बच्चे का अब रिपोर्ट कार्ड नहीं बल्कि प्रोग्रेस कार्ड होगा। बच्चे का मूल्यांकन वह खुद, उसके साथी, उसके अध्यापक करेंगे।
पीएम मोदी ने भी शुक्रवार को छठी कक्षा तक मातृभाषा में सिलेबस पढ़ाने के फायदे बताए थे। उन्होंने कहा था कि जब बच्चे अपनी बोली में अपनी पढ़ाई करेंगे तो उन्हें ये अच्छे से समझ आएगी। इसे लेकर उनकी रुचि बढ़ेगी और आगे चलकर उनका हायर एजुकेशन में इसका बेस मजबूत होगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।